खूंटी के कर्रा में पेयजल के लिए लोग हलकान,ग्रामीण महिलाओं ने कहा-खायला मिलो नहीं, नहाय ला कहां मिलतो….

खूंटी: हेमंत सोरेन की सरकार राज्य में लोगों को मूलभूत सुविधा देने का भले दंभ भरती हो। लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आता है। जबकि राज्य सरकार आम लोगों को सुविधा देने के लिए विधानसभा सदन में इसके लिए बजट बनाती है। बजट की राशि का कितना उपयोग हो पाता है यह आपको ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद ही पता चल जायेगा। हम बात कर रहे हैं खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत छाता पंचायत का। इस पंचायत के पर्रा गांव के लोग कारो नदी से अपनी प्यास बुझाते हैं। नदी से लगातार बालू उत्खनन के बाद पानी का सतह भी पाताल में चला गया है। ग्रामीण नदी में बहुत मेहनत कर चूआ से पानी भरते हैं और खाना बनाने और पेयजल के लिए उपयोग करते हैं। यहां के ग्रामीण महिलाएं जिला प्रशासन और खासकर राज्य सरकार के प्रति काफी अक्रोशित दिखीं। महिला कमली देवी,नेहा कुमारी,बिजनी देवी,सुखलाल उरांव,छोटेलाल दास सहित कई लोगों ने कहा कि सरकार  हर नल जल योजना की बड़ी बड़ी बातें करती है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के दावे करती है। लेकिन इस गांव ही नहीं छाता पंचायत में हर घर नल जल योजना कहीं नहीं दिख रहा है। महिलाएं नदी में चूआ खोदकर पानी लाती हैं। पानी की समस्या इतना है की हमलोग कई दिनों तक स्नान भी नहीं कर पाते हैं।
वहीं पॉलीटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने कहा कि जब खूंटी शहर के लोगों को राज्य सरकार शुद्ध पेयजल नहीं दे पा रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में कहां से दे पाएगी। यह सरकार सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करना जानती है। लोगों की सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है। सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में भी जिला प्रशासन की नजर नहीं गई।

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