वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने एक लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश किया
रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में राज्य का विकास दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है। चार साल में स्थापना खर्च की तुलना में योजना खर्च में बढ़ोतरी हुई है। रामेश्वर उरांव ने बजट पेश करते कहा कि वित्तीय प्रबंधन मजबूत हुआ है। उत्कृष्ट बनाए रखा है, जिनकी आवाज कोई नहीं सुनता था, उन्हें सबल किया। सरकार आपके द्वार, सर्वजन पेंशन, अबुआ आवास, जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं से विकास की राह पकड़ी है। कोरोना संकट को पीछे छोड़ दिया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6.8 प्रतिशत रहा। राजकोषीय घाटा कम हुआ। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सीएम चंपई सोरेन सोरेन से मिलकर बजट की प्रति सौंपी। विधानसभा में बजट पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह वर्ष 2024-25 के लिए 1,28,900 करोड़ रुपये का सकल बजट अनुमान है। यह पिछले साल से 10.7 प्रतिशत अधिक है। 2024-2025 में राजस्व व्यय के लिए 91,832 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। यह पिछले वर्ष से 8.5 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2024-2025 में राजकोषीय घाटा 9500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो कि अनुमानित जीएसडीपी का 2.02 प्रतिशत है। झारखंड को 2030 तक 10 ट्रिलियन रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है।
कृषि विभाग के लिए तैयार बजट का जिक्र करते कहा कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से 4,62,00 से अधिक किसानों के बीच 1858 करोड़ रुपये की ऋण माफी की गई। आगामी वित्तीय वर्ष 2024-2025 में ऋण माफी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने तथा एनपीए खाताधारक किसानों को भी इस योजना के तहत सम्मिलित करने का प्रयास है। बिरसा बीज उत्पादन, विनिमय वितरण एवं फसल विस्तार योजना को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में लागू कर लगभग दो लाख 10 हजार किसानों को आच्छादित किया। अनुदान पर बीज वितरण किया। 2024-2025 में इस योजना पर 80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए “हमर अपन बजट” पोर्टल के माध्यम से एक नवाचारी प्रयोग प्रस्तुत किया था। इसमें लोगों से सुझाव मिले जिसे इसमें शामिल भी किया गया है। 2023-24 में इसे जनमन के और करीब लाने को “हमीन कर बजट” नाम दिया गया। 2024-25 में भी इन प्रयोगों को जारी रखा। गरीबों की आवाज हम बने हैं। कई योजनाएं शुरू कीं। वर्ष 2019-20 में राज्य का आर्थिक विकास दर 1.1 प्रतिशत प्रतिशत था। कोरोना काल का अपवाद छोड़ दें तो वर्ष 2022-23 में विकास दर 6.8 प्रतिशत रहा। 2023-24 में राष्ट्रीय आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की तुलना में राज्य का विकास दर 7.1 प्रतिशत रहा। वर्ष 2024-25 में इसका 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्तीय प्रबंधन के द्वारा वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा को 1.2 प्रतिशत से भी कम रखने में सफलता हासिल की है। इसके फलस्वरूप राज्य का ऋण जीडीपी रेशियो में सुधार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 29.59 प्रतिशत था। 22-23 में 29.46 प्रतिशत हुआ तथा 23-24 में 30.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
राज्य ने अपने राजस्व आय में लगातार वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व आय 25,521 करोड़ रुपये था। 21-22 में 31,320 रुपये हो गया। 23-24 में यह 48,119 करोड़ हुआ। कुल व्यय में स्थापना एवं योजना व्यय का अनुपात वर्ष 2019-20 में 47:53 था जो वर्ष 2024-25 में 38:62 प्रस्तावित है। वर्तमान सरकार स्थापना व्यय की तुलना में राज्य के विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
मुख्य बातें :
2024-25 में 1000 स्कूलों में किचन सह स्टोर की मरम्मत होगी।
50000 किसानों को उद्यानिक फसलों का विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कृषि यंत्र वितरण में 200 करोड़ खर्च किये जायेंगे।
2024-25 में कृषि ऋण माफी की सीमा 50,000 से बढ़कर 2,00,000 किया जायेगा।
तालाबों की गहरीकरण, जीर्णोद्धार के लिए जल निधि उप योजना के तहत 1500 डीप बोरिंग का काम और 4000 परकोलेशन टैंक बनाने के लिए 380 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
2024-25 में मनरेगा में नौ करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य।
2024-25 में अबुआ आवास योजना में 4831 करोड़ का बजट।
सिंचाई सुविधाओं और सिंचाई क्षमता के विस्तार के लिए जल संसाधन में 2238 करोड़ खर्च होंगे।
आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण पर 13.50 करोड़ खर्च होंगे।
गर्भवती महिलाओं और जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य के लिए 1500 रुपये का मातृ किट 6000 लाभार्थियों के बीच वितरित किया जायेगा। इस योजना में 90 करोड़ खर्च होंगे। किट में मच्छरदानी, जच्चा और बच्चा के लिए पोशाक, तेल, साबुन, बाल्टी जैसी सामग्रियां होंगी।
दिव्यांग कल्याण योजना के तहत 6.10 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
2024-25 में 325 प्रखंड स्तरीय लीडर स्कूल का संचालन शुरू किया जायेगा।
4036 पंचायत स्तरीय स्कूलों को अगले दो वर्षों में आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा।
117 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के लिए लैब की स्थापना की जायेगी।
राज्य में 19 नये कॉलेज (15 डिग्री कॉलेज और चार महिला कॉलेज) स्थापित किये जायेंगे।
रांची में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी।
रिम्स को सुदृढ़ किया जायेगा।
रिनपास के कैंपस में उपलब्ध भूमि पर एक मेडिको सिटी की स्थापना होगी।
खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों की संख्या 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किये जाने का प्रस्ताव।
पीडीएस डीलरों को दिये जाने वाले कमीशन की राशि को 100 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल किया जायेगा।
खाद्य सुरक्षा योजना के प्रत्येक राशन कार्ड धारी परिवार को सोयाबीन बरी का वितरण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सुदृढ़ीकरण योजना के तहत पांच साल या उससे पहले बने क्षतिग्रस्त 1500 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा।
2024-25 में 70 पुलों का निर्माण कराया जायेगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2500 किलोमीटर सड़क और 200 पुलों का निर्माण कराया जायेगा।
20,000 का ग्रिड सोलर पंप का वितरण और अधिष्ठापन किया जायेगा।
6360 युवक युवतियों को पीएमईजीपी योजना के तहत स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा।
विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत 20710 करोड का निवेश लाया जायेगा, जिससे राज्य के एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
144 बुनकरों को बुनाई में एक साल का प्रशिक्षण और हस्तशिल्प के विभिन्न ट्रेडों में 270 शिल्पियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
औद्योगिक विकास के लिए 484.87 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।