डायबिटीज पर दो दिवसीय कार्यशाला में एक्सपर्ट डॉक्टरों ने दिए अपने अपने विचार

रांची: राजधानी रांची के डांगराटोली स्थित स्वर्णभूमि बैंक्वेट हॉल में डायबिटीज रोग के बचाव और शोध पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ शनिवार को हुआ। इस कार्यशाला में दिल्ली,कोलकाता,मुंबई,बेंगलुरु,चेन्नई, बिहार और झारखंड से कई एक्सपर्ट डॉक्टरों ने इस पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। जम्मू कश्मीर से आए डॉक्टर अब्दुल अजीर अजगर ने कहा कि अपने मुल्क में बड़ी तेजी से डायबिटीज की बीमारी हो रही है। इससे बचने के लिए लोगों को समय समय पर टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार और व्यायाम जरूरी है। वहीं डॉक्टर अजय छाबड़ा ने कहा डायबिटीज दो तरह के होते हैं। टाइप वन और टाइप टू।टाइप वन ज्यादातर बच्चों में पाया जाता है। मुख्य डायबिटीज अपने देश में टाइप टू जो युवा और वृद्ध में पाए जाते हैं। यह जीवनशीली से जुड़ी बीमारी है। लोग कंप्यूटर पर अधिक काम करते हैं। स्पोर्ट्स बहुत कम हो गया है। खेल के मैदान भी कम होते जा रहे हैं। लोग आराम की जिंदगी जीना अधिक पसंद करते हैं। साथ ही शारीरिक कार्यों से बचते हैं। पीजा,बर्गर जैसे फास्ट फूड का अधिक सेवन करने लगे हैं। इससे लोगों में मोटापे का लक्षण आ जाता है और फिर डायबिटीज की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए लोगों को अपने डेली रूटीन में योग और व्यायाम को अनिवार्य से शामिल करना होगा।
वहीं डॉक्टर विनय ढनढानिया ने कहा कि इस कार्यशाला में करीब चार सौ डेलीगेट्स पहुंचे हैं और उन लोगों ने इसपर अपने विचार प्रस्तुत किया है।
डॉक्टर विनय ने कहा कि डायबिटीज से बचाव और जागरूकता के लिए स्कूलों में पाठ्यक्रम में इसको शामिल किया जाना चाहिए। डायबिटीज की जांच तीस से चालीस उम्र के लोगों को करना चाहिए। वहीं कई डॉक्टरों कहा कि आज एआई तकनीक से डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है। कार्यशाला परिसर में कई दावा कंपनियों के द्वारा स्टॉल लगाए गए थे। कार्यशाला का समापन रविवार को होगा। समापन पर कई डॉक्टरों को सम्मानित भी किया जायेगा।

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