सड़क दुर्घटना में पीड़ित को तुरंत मदद के लिए सभी को अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना होगा: जिला जज
खूंटी: झालसा के निर्देशन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष सत्य प्रकाश की अध्यक्षता में शुक्रवार डालसा के सभागार में मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष, खूंटी ने कहा कि मोटर वाहन दुर्घटना के मामले अत्यंत गंभीर होते हैं जिसमें जिंदगी एवं मौत का सवाल होता है। यदि उस गोल्डेन आवर में तुरंत मदद ना किया जाय तो व्यक्ति का मौत हो जाती हैं। इसलिए हमसभी को अपनी जिम्मेवारी लेनी होगी और इसका निर्वाह करना होगा। उन्होंने सभी पीएलवी को निर्देशित करते हुए कहा कि पीड़ित व्यक्ति को घटना स्थल से लेकर अस्पताल एवं प्रशासनिक मदद दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए तत्पर रहें ताकि बहुमूल्य जान बचाई जा सके।
जिला जज प्रथम संजय कुमार ने कहा कि सही वक्त पर दवा एवं निःशुल्क इलाज होना अतिआवश्यक है। मोटर वाहन दुर्घटना में एआईआर सभी पुलिस अधिकारी को 30 दिनों के अंदर जमा करना है और यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है जिसे सभी को पालन करना है। मुआवजा तेजी से मिले इसके लिए न्यायालय (एमएसीटी) हमेशा प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर डालसा सचिव श्री मनोरंजन कुमारी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में प्रशासन द्वारा 4 लाख का मुआवजा दिया जाता है। सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्ति को किसी निकटतम सरकारी अथवा निजी अस्पताल में ले जाया जा सकता है। कोई भी निजी दस्पताल पीड़ित का इलाज करने से इंकार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि डालसा से संबंधित सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं पीएलवी को अपनी दायित्व ईमानदारी से निभाना चाहिए।
धन्वाद ज्ञापन करते हुए मुख्य एलएडीसी श्री राजीव ने कहा कि सड़क दुर्घटना को रोकने में सबकी भगीदारिता आवश्यक है।
कार्यशाला में जिला जज प्रथम श्री संजय कुमार, जिला जज द्वितीय श्री सत्यकाम प्रियदर्शी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्री दिनेश बाउरी, न्यायिक दंडाधिकारी श्री तुषर आनंद,जिले के डीएसपी एवं थाना प्रभारी सहित डालसा के सभी एलएडीसी एवं पीएलवी उपथित रहे।