अफीम की फसल नष्ट करने के चक्कर में पुलिस के जवान हो रहे बीमार, आंखों और फेफड़ों में आ रही समस्याएं

खूंटी: राजधानी रांची से महज तीस किमी दूर स्थित खूंटी जिले में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होने लगी है। इस क्षेत्र में अफीम ही नहीं गांजे की भी खेती होती है. हालांकि जिला पुलिस लगातार अभियान चालकर अफीम की फसल को नष्ट कर रही है.इसके बाद भी जिले के कई प्रखंडों में अफीम की खेती हो रही है. नशीले पदार्थों की हो रही खेती को रोकने में अब तो जिला पुलिस प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगे हैं. दरअसल,खूंटी जिले में पहाड़,झरना,नदी तालाब अधिक संख्या में है. इसमें अडकी,खूंटी और मुरहू प्रखंड में तो कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र है जहां पुलिस भी जा नहीं सकती है.दूसरा उन क्षेत्रों में तो कई बार पुलिस को ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा है.कई बार तो पुलिस को बंधक भी बनाया गया है. पुलिस भी अब अजीज हो चुकी है. उधर पुलिस के जवान लगातार अफीम की फसल को नष्ट करने के चक्कर में बीमार पड़ने लगे हैं. पुलिस जवानों के मुताबिक अफीम नष्ट करने के दौरान फसल से निकलने वाली महक और दूध के छींटे उनके आंख और फेफड़ों को खराब कर रहे हैं. अफीम की दूध से आंखों में जलन होने लगता है. इसके अलावे अफीम के खेत में लगातार डंडा चलाने से उससे निकलने वाली महक भी श्वसन प्रक्रिया पर विपरित असर डाल रही है. ऐसे खेतों में कार्रवाई के बाद आंखों में धुंधलापन, सर भारी होना, नींद का नहीं आना जैसी समस्या आम हो गई है. पुलिस जवानों की समस्या पर सदर अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि अफीम से निकलने वाले दूध में भारी मात्रा में केमिकल पाए जाते हैं जो शरीर के अंगों के लिए काफी हानिकारक होता है.

गौरतलब है कि विगत चार पांच वर्षों में अवैध अफीम की खेती और तस्करी मामले में एक सौ से ज्यादा अफ़ीम तस्कर जेल भेजे जा चुके हैं. बावजूद अवैध अफीम की खेती में कमी नहीं आ रही है.

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