डॉ भीमराव अंबेडकर की महान प्रयास ने सामाजिक समरसता को बढ़ाया:आदित्य साहू

रांची:भारतीय संविधान का जनक डॉ भीमराव अंबेडकर जी की महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद की है। उनके द्वारा लिखित भारत का संविधान आज भी देश का मार्गदर्शन कर रहा है और आज भी ये कई संकटों के दौरान सुरक्षित रूप से बाहर निकलने में मदद कर रहा है। उक्त बातें झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 67वीं महापरिनिर्वाण दिवस के शुभ अवसर पर कही।
श्री साहू ने डॉ भीमराव अंबेडकर की जीवनी लर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब को भारतीय संविधान का आधार स्तंभ माना जाता है। डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को हुआ और उनके द्वारा देश के लिए किए गए योगदान को पूरा देश याद करता है और आज के दिन को महानिर्वाण दिवस के रूप में मनाता है।
श्री साहू ने कहा कि नीति निर्देशक सिद्धांतों को आकार देने में उनका अथक प्रयास, समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए आरक्षण प्रणाली का सूत्रपात, दलितों के लिए समान अधिकार की आवाज़ ने उन्हें भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अपूरणीय स्थान दिलवाया है।
श्री साहू ने कहा कि देश के यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ भीमराव अंबेडकर के द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र पर काम कर रहे है। आज देश उनके नेतृत्व में विकास की राह पर अग्रसर है।

डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश मे पिछडों,दलितों,वंचितों को एक आवाज दी :- बालमुकुंद सहाय

     प्रदेश के महामंत्री बालमुकुंद सहाय ने कहा की भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार  समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, विचारक, राजनीतिज्ञ और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भीमराव रामजी अंबेडकर ने अपनी नींद में रहते हुए अंतिम सांस ली और इस दिन को पूरा देश महापरिनिर्वाण दिवस के रुप मनाता  है। 
     श्री सहाय ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर के कारण  ही देश मे पिछडों,दलितों,वंचितों को एक आवाज मिला । उन्हें राजनितिक,आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत करने में अपनी महति भूमिका निभाया।यह देश उनके योगदान को कभी भूल नही सकता है।

इस कार्यक्रम में जोगेन्द्र लाल, श्री खुदा राम, राजीव राज लाल, सुबोध कान्त, श्रीमती बबिता वर्मा, श्रीमती रेखा महतो, नरेश रजक उपस्थित रहे।

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