झारखंड राज्य फसल राहत योजना पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
लातेहार: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त हिमांशु मोहन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य फसल राहत योजना अंतर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त द्वारा जानकारी देते हुए कहा गया कि झारखंड के किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान की भारपाई के लिए झारखंड फसल राहत योजना चलायी जा रही है।
झारखंड राज्य फसल राहत योजना फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जानेवाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। यह किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में सुरक्षा कवच प्रदान करने तथा एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान करने के संकल्प को पूरा करेगा। यह योजना भू:स्वामी तथा भूमिहीन किसान, दोनों को आच्छादित करेगा। किसानों को इस योजना के तहत किसी भी प्रकार के फसल बीमा प्रीमियम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी तथा उन्हें सीधे तौर पर सरकार द्वारा फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।
आगे उन्होंने कहा कि यह कृषको के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के जरिए राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा साथ की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। आप सभी कृषक संपर्क अभियान के माध्यम से प्रत्येक कृषकों तक योजना का संदेश प्रसारित किया जाए। आगे उन्होंने कहा कि इस वर्ष वर्षा की कमी को देखते हुए ऐसे अल्टरनेट प्लांटेशन करें जिसमें ज्यादा पानी की खपत न हो। उन्होंने कहा कि किसानों का संबंधित पोर्टल पर निशुल्क निबंधन किया जाना हैं। योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक किसानों का अधिकतम आच्छादन सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रयास करें।
◆क्या है झारखंड राज्य फसल राहत योजना :-
1.योजना अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में सुनिश्चित वित्तीय सहायता दी जाएगी।
2. योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम ( खरीफ एवं रबी) में https://jrfry.jharkhand.gov.in पर ऑनलाइन निबंधन एवं आवेदन करना होगा।
3.ऑनलाइन निबंधन एवं आवेदन स्वयं द्वारा अथवा निकटतम प्रज्ञाकेंद्र में कर सकते हैं।
4. न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन
5.योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना है।
6.प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण Crop Cutting Experiment (CCE) के आधार पर किया जाएगा।
7. 30% से 50% तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ रु० 3000 सहायता राशि दी जाएगी।
*8. 50% से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ रु० 4000 सहायता राशि दी जाएगी ।
9.अधिकतम 5 एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी।
◆कौन लोग रखते हैं आवेदन की पात्रता:-
1)सभी रैयत एवं बटाईदार किसान
2)किसान झारखंड राज्य के निवासी हों।
3)आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
4)आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होना चाहिए।
5)कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज/भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व -रसीद/राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती/पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भूस्वामी से सहमति पत्र
6)न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन
7)सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक
8)आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करना होगा।
http://jrfry.jharkhand.gov.inपर स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीकरण कराया जा सकता है।*
◆रजिस्ट्रेशन और आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज:-
1)आधार संख्या
2)मोबाइल संख्या
3)आधार संबंध बैंक खाता विवरण
4) अद्यतन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद( 31 मार्च 2022 तक भुगतान किया हुआ)
5)वंशावली (मुखिया /ग्राम प्रधान/ राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत)
6)सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा (बटाईदार किसान द्वारा)
7)घोषणा पत्र (रैयत और बटाईदार किसान द्वारा)
8)सहमति पत्र (बटाईदार किसान द्वारा)
9)पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रखवा का पूर्ण विवरण
*कार्यशाला में जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश सिंह , जिला सहकारिता पदाधिकारी जगमनी टोपनो, सभी अंचलाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, एटीएम–बीटीएम, कृषक मित्र समेत अन्य उपस्थित थे।

