विश्व सर्प दिवस के अवसर पर सर्प दंश से बचाव के लिए विद्यालय में परिचर्चा

पटना।प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई को पूरे विश्व में सर्प दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में बारिश का मौसम चल रहा है। इस समय सांप काटने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। पिछले 20 साल में भारत में 20 लाख से ज्यादा मौतें सांप के काटने से हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए राजधानी के राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय नरकट घाट, गुलजारबाग, पटना के स्नातक विज्ञान शिक्षक सूर्यकान्त गुप्ता द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ सर्प दंश से बचने के उपाय बताया गया।वहीं सांप के काटने पर क्या करना चाहिए?और क्या नहीं करना चाहिए? पर विस्तृत चर्चा की गई।वहीं विद्यालय में छात्र-छात्राओं को सर्प दंश से बचाव की जानकारी दी।
श्री गुप्ता ने सर्वप्रथम सर्प से संबंधित वर्ग – 3 की हिंदी की पाठ्यपुस्तक कोंपल के अध्याय – 10 के पाठ – कौवा और सांप, वर्ग – 3 की ही ईवीएस की पाठ्यपुस्तक पर्यावरण और हम के अध्याय – 3 के पाठ – जीव-जंतुओं की दुनिया को विश्व सर्प दिवस से जोड़ते हुए पाठ को समझाया। और बताया कि सांप को पकड़ने की कोशिश ना करें। सांप के काटने पर नहीं घबराएं,शांत रहें। सभी सांप जहरीला नहीं होता है। भाग-दौड़ नहीं करें। इससे जहर शरीर में तेजी से फैलता है। सांप ने जिस अंग पर काटा है उसे हिलाएं डुलाएं नहीं। पैर में काटा हो तो लेट जाएं। हाथ में काटा हो तो पट्टी बांधकर लटका दें। झाड़-फूंक, ओझा-गुनी, पीर-फकीर के चक्कर में नहीं पड़ें। चिकित्सक से संपर्क करें। नजदीकी अस्पताल ले जाएं।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षक सर्फुद्दीन नूरी एवं शिक्षिका विद्या झा ने भी सर्प दंश से बचने के विभिन्न उपायों के बारे में बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *