ग्राम स्तर पर किसानों को करें जागरूक: उपायुक्त
खूंटी: उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में कृषि विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक हुई। बैठक के दौरान झारखंड कृषि ऋण माफी योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना व सुखा राहत योजना के अंतर्गत प्रगति की समीक्षा की गई, तथा किसानों को केसीसी ऋण उपलब्ध कराने का दिशा-निर्देश दिये गए।
साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि केसीसी से संबंधित लक्ष्य को शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस संबंध में उपायुक्त के द्वारा निर्देशित किया गया कि विस्तृत योजना बनाकर अनुपात में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि जिले के अधिसंख्यक लोग कृषि पर आश्रित हैं। इसलिए योग्य लाभुकों को शत् प्रतिशत केसीसी से अच्छादित किया जाना जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं सुखाड़ राहत योजना के प्रगति की समीक्षा की गई।
जिससे इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा लाभ मिल सके। इस दिशा में सभी बैंकों को सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।
जिला अंतर्गत सभी प्रखण्डों में कैम्प के आयोजन को लेकर उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया है। इस उद्देश्य से बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ग्राम स्तर पर भी विशेष अभियान चलाए जाय।
बैठक में मुख्य रुप से जिले के विभिन्न बैंकों द्वारा केसीसी योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन एवं लाभुकों को स्वीकृत किये गये लोन की स्थिति सहित अन्य बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
मौके पर उपायुक्त ने बीज विनिमय एवं वितरण (50 प्रतिशत अनुदान पर) किए गए बीज वितरण की समीक्षा की गई। झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत सभी किसानों के ekyc करने के लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किए गए कार्यों की वर्तमान प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मौके पर उपायुक्त द्वारा केसीसी योजना के तहत ऋण स्वीकृत करने की गति में तीव्रता लाने का निर्देश दिया गया।
साथ ही विभिन्न संचालित योजनाओं के माध्यम से लाभुकों को लाभ दिलाने एवं आवेदनों के त्वरित निष्पादन हेतु संबंधित विभाग के अधिकारियों को निदेशित किया कि लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाया जाय व उनकी समस्याओं का समाधान करें। साथ ही कृषक मित्रों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रत्येक ग्राम स्तर पर बैठक कर किसानों को जागरूक करें।
इसी कड़ी में उपायुक्त द्वारा बताया गया कि योजनाओं की निरन्तर समीक्षा हेतु समय-समय पर कृषक मित्रों के साथ प्रखंड स्तर पर बैठक की जाय। जिसमें दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।