जातिगत जनगणना कराने की घोषणा देश के बहुजनों और समाजवादियों की जीत, मोदी सरकार के अहंकार की हार: मंतोष यादव
रांची:केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने का ऐलान पर झारखंड प्रदेश युवा राजद महासचिव सह प्रवक्ता मंतोष यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने का ऐलान का स्वागत करते हैं।
श्री यादव ने आगे कहा कि राजद राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद यादव तथा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव के तथा समाजवादियों के लंबे संघर्षों का परिणाम है यह घोषणा।
श्री यादव ने आगे कहा कि 1996-97 में श्री लालू प्रसाद यादव जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब जनता दल संयुक्त मोर्चा के सरकार में जातिगत जनगणना प्रस्ताव कैबिनेट से पास किया था लेकिन बाद में एनडीए सरकार आई और तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेई ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। उसके बाद 2010-11 यूपीए सरकार में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर श्री लालू प्रसाद यादव,स्व० मुलायम सिंह यादव,स्व० शरद यादव,स्व० रामविलास पासवान ने कई दिनों तक संसद ठप करने का काम किया जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह ने सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद संसद चलने दिया था।
श्री यादव ने कहा कि मात्र सत्रह महीने के उपमुख्यमंत्री के तौर पर छोटे कार्यकाल में श्री तेजस्वी यादव ने बिहार में जातिय गणना कराकर तथा संख्या के अनुपात आरक्षण को बढ़ाकर देश को दशा-दिशा दिखाकर ऐतिहासिक कार्य करने का काम किया था लेकिन यही भाजपा सरकार बढ़े हुए आरक्षण को नवीं अनुसूची में नहीं डाला और साज़िश के तहत कोर्ट में जाकर बढ़े हुए आरक्षण पर रोक लगवाने का काम किया।
श्री यादव ने आगे कहा कि मोदी सरकार समेत पूरा भाजपा ने इंडिया गठबंधन द्वारा जातिगत जनगणना कराने के मांग के खिलाफ क्या क्या नहीं प्रपंच रचने का काम किया यहां तक कि देशद्रोही तक कहा गया। लेकिन अंततः जातीय जनगणना की घोषणा देश के बहुजनों तथा पूरे समाजवादियों और इंडिया गठबंधन का जीत हैं।यह सत्य की जीत है।
श्री यादव ने आगे मांग किया कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द जातीय जनगणना कराने के काम करे और 50 प्रतिशत आरक्षण के बैरियर को तोड़ संख्या के अनुरूप आरक्षण बढ़ाने का काम करें और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण को लागू करने का काम करें।

