बेटी,एक लघु कथा

एक छोटी सी बच्ची,
आफिस जाते हुए अपने पिता को,
पहले जोर से गले लगाती है।
फिर इस सुंदर एहसास को लिए विद्यालय जाती है।

कल उसके पिता का जन्मदिन है,
वो अपने साथियों और टीचर्स से छुपकर,
एक कार्ड बनाती है।
फिर उसपर I love you papa लिखती है।

उसे घर में सबसे छुपाती है,
कोई शोर ना कर दें,
यह कार्ड सरप्राइज है एक बेटी का अपने पिता के लिए।
“आप दुनियाँ के सबसे अच्छे पापा हैं” लिखती है।
यह काम वह छुप छुपकर करती है।

शब्दों की दुनियाँ से अभी-अभी पहचान हुई है उसकी ,
कई अशुद्धियाँ हैं उसके लिखावट में,
लेकिन भावनाएँ एकदम शुद्ध है।
ऊपर से उसकी मुस्कुराहटें जैसे सब सही कर देती है।
अगर कोई पढ़ सके तो पढ़े,
वह पिता को ” अपना आसमान” लिखती है।
(कुछ प्यार भरे ख़त पिताओं को यूँ नसीब होते हैं। सहेज़ लिजिए इन्हें, ये दुनियाँ का सबसे निश्चल, निस्वार्थ प्रेम है।इन्हें खो देना आपका दुर्भाग्य होगा)

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