बहुप्रतिक्षित ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य शुरूएजेंसी केएमवी ने धार्मिक अनुष्ठान के साथ किया कार्य प्रारंभ
राज्य गठन के समय से ही ट्रांसपेार्ट नगर की जरूरत, झारंखंड का पहला होगा ट्रांसपोर्ट नगर
प्रथम चरण में बड़े, मध्यम एवं छोटे मिला कर कुल 424 वाहनों के खडा होने की व्यवस्था, अन्य सुविधायें भी
रांची। राज्य की राजधानी रांची के सुकरहुटू क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का कार्य आरंभ हो गया। एजेंसी केएमवी ने मंगलवार को विधिविधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ निर्माण कार्य आरंभ कराया है। राज्य बनने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट नगर की जरूरत महसूस हो रही थी । मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जुडको ने ट्रांसपेार्ट नगर का काम शुरू कराया गया है। ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण कार्य को अगले दो साल में पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य है। इससे शहर में भारी वाहनो के यातायात संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी । रांची में ट्रांसपेार्ट नगर के निर्माण की चिरप्रतिक्षित मांग अब पूरा होने जा रही है।
मंगलवार को सुकरहुटू में आइटीबीपी परिसर के सामने 40.68 एकड़ भूमि पर केएमवी प्रोजेक्ट ने पूजापाठ के साथ निर्माण कार्य आरंभ कराया है। प्रस्तावित भूमि पर अतिक्रमण रहने के कारण निर्माण कार्य आरंभ होने में कुछ विलंब हुआ। रांची ट्रांसपेार्ट नगर के निर्माण पर 113.24 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। ट्रांसपोर्ट नगर में कुल 424 वाहनों के ठहराव की व्यवस्था रहेगी। जिसमें बड़े 93, मध्यम 190 और छोटे 141 वाहन शामिल है। एक एकीकृत भवन बनेगा जिसमें अन्य सुविधायें रहेगी। जिसमें विभिन्न संस्थानों के लिए 16 आफिस भी बनेगा। चालक एवं उप चालक तथा अन्य लोगों के विश्राम के लिए 180 शैय्या का डोरमेट्री की व्यवस्था रहेगी। 150 लोगों की बैठने की क्षमता का फूड कोर्ट भी होगा। सुविधा के लिए 17 खुदरा दुकाने भी बनवायीं जायेंगी। सुरक्षा के लिए पुलिस चैकी भी रहेगी। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , औषधि की दुकानें और शौचालय का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट , सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ दो वेयर हाउस का भी निर्माण कराया जायेगा।
ट्रांसपोर्ट नगर की डिजायन कर्नाटक की सरकारी कंपनी आइडेक ने बनाया है। निर्मार्ण कार्य आरंभ करने वाली एजेंसी केएमवी ने इससे पहले धुर्वा में जुपमी भवन का निर्माण कार्य ससमय पूरा किया है। जबकि मंत्री बंगला का निर्माण कार्य 30 प्रतिशत कार्य कम समय में ही पूरा कर दिया है। धनबाद में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का भी निर्माण किया है।