वनोपज एवं कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समुचित कदम उठाएं: सीएम
रांची: सीएम हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड के निदेशक पर्षद की तृतीय बैठक हुई। बैठक में कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह,विभागीय सचिव सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड का गठन हुआ है।वनोपज एवं कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समुचित कदम उठाएं जाने चाहिए। वनोपज से जुड़े ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ें। इनके उत्पादन से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण दें, ताकि वह व्यावसायिक रूप से इनका उत्पादन कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह तथा रेशम -तसर की खेती की झारखंड में काफी संभावनाएं हैं। ऐसे में इसके उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करें ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह मौसम में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है उसे परंपरागत कृषि काफी प्रभावित हो रही है। ऐसे में किसानों को वैकल्पिक कृषि के लिए भी तैयार रहना होगा । उन्होंने कहा कि कृषक पाठशाला राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस कृषक पाठशाला में किसानों को वैकल्पिक खेती का प्रशिक्षण दें । उन्हें वनोपज से जोड़ें। इसके लिए उन्हें संसाधन भी उपलब्ध कराने की पहल करें ताकि विपरीत परिस्थितियों में वे कृषि कार्य से जुड़कर अपने को मजबूत बनाए रख सकें।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि केंदू पत्ता वनोपज को भी। सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के दायरे में लाने की संभावनाएं तलाशें। इससे केंदू पत्ता के उत्पादन से जुड़े श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा की फुदी स्थित नवनिर्मित सहकारिता प्रशिक्षण केंद्र में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं | उसे प्रोफेशनल तरीके से चलाया जाए |
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग सचिव कृपानंद झा, सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उमाशंकर सिंह, जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संदीप सिंह एवं एपीसीसीएफ -सह- प्रबंध निदेशक जेएसएफडीसी वाईके दास प्रमुख रूप से उपस्थित थे।