सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्षी दल वाली सरकार के सीन को ठीक उल्टा ही कर दिया

तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव पीएम के स्वागत में नहीं गए तो बहस का मुद्दा बना
जो तस्वीरें सामने आईं, उन तस्वीरों ने भी बहुत कुछ बयां कर दिया

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पॉलिटिकल मेच्योरिटी का एक बार फिर से परिचय दिया। सत्ता के गलियारों में जो चर्चाएं थीं, उस पर विराम लगा दिया। प्रधानमंत्री के देवघर आगमन पर सीएम हेमंत सोरेन ने उनके स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। विपक्षी दल वाली सरकार के सीन को एकदम उल्टा कर दिया। सीएम के भाषण में भी पूरी तरह आत्मीयता झलकी। विपक्षी दल वाली सरकार का मुद्दा इस लिए भी उठा था, जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पीएम मोदी के स्वागत में नहीं गए थे। यह एक बहस का भी मुद्दा बन गया था। इसके बाद पीएम के झारखंड आगमन और हेमंत सरकार को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रहीं थीं। यहां तक हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में पीएम को परम आदरणीय कहकर संबोधित भी किया। प्रदेश के बीजेपी नेताओं को यह संदेश देने की भी कोशिश की , कि अतिथियों के स्वागत में किसी तरह की दुर्भावना नहीं होनी चाहिए। पीएम सबके लिए हैं। पीएम ने जब योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया तो सीएम ने भी कहा कि सपना साकार हुआ। यहां राजनीति नहीं थी, राज्य के विकास की बात थी। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बड़े ही कायदे से राज्य की समस्याओं की भी बात रखी। खनिज, भूमि अधिग्रहण, विस्थापन का मसला भी बड़ी खूबसूरती के साथ रखा। इससे भी दो कदम आगे बढ़कर सीएम ने पीएम को ज्योतिर्लिंग की आकृति भी सौंपी। प्रधानमंत्री के स्वागत में कोई कमी न रह जाए इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन दो दिनों तक तैयारियों का जायजा लिया, आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। पीएम की घोषणाओं पर सीएम हेमंत सोरेन ने भी तालीबजाकर हामी भरी। उन्होंने बड़े ही सरल लफ्जों में कहा कि जब कोई मकान या महल बनता है तो उसमें मजदूरों का खून पसीना लगा होता है। मजगूरों के इस योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए। सीएम के भाषण में कहीं भी नराजगी नहीं झलकी। सत्ता के गलियारों में सीएम की इस पॉलिटिकल मेच्योरिटी की चर्चा जोरों पर है।

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