चोर गणेश मंदिर : यहां चोर मांगते हैं कामयाबी, फिर देते है हिस्सा

अगर विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति गणेश को कोई चोर कहे तो थोड़ा अचरज होगा। लेकिन बता दें कि भूतभावन बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में उनके पुत्र श्रीगणेश का अद्भुत मंदिर है, जहां उनकी ‘चोर गणेश’ के नाम से पूजा होती है। उन्हें यहां ‘चोर गणेश’ ही कहा जाता है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में मंगलनाथ सिंहस्थ मेला क्षेत्र में रामजनार्दन मंदिर मार्ग पर भगवान ‘चोर गणेश’ का यह मंदिर है। यहां आम दिनों के अलावा विशेष पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ लगती है। मंदिर को लेकर लोगों में विशेष आस्था है। स्कंद पुराण के अवंतिखंड में ‘चोर गणेश’ का उल्लेख है। वैसे मंदिर में स्थापित श्रीगणेश का वास्तविक नाम दुर्मुख गणेश है। ‘चोर गणेश’ मंदिर को लेकर दो अलग-अलग की किवदंती हैं।
पहली किवंदती के अनुसार, अगर भगवान गणेश के किसी भक्त की कोई चीज गुम जाती है या चोरी हो जाती है तो भगवान ‘चोर गणेश’ के मंदिर में आकर अर्जी लगाने से भक्त की चोरी गई या खोई हुई वस्तु मिल जाती है। श्रद्धालु अपनी चोरी गई या गुम हो गई चीजों को पाने के लिये भगवान ‘चोर गणेश’ के दरबार में अर्जी लगाने आते हैं।
दूसरी किवंदती के अनुसार, कुछ चोर चोरी करने के बाद माल का बंटवारा इस मंदिर में आकर करते थे। बंटवारे में चोरी का जो माल आखिर में बच जाता था, वह भगवान गणेश को अर्पित कर चोर चले जाते थे। लिहाजा भगवान गणेश की इस प्रतिमा का नाम ‘चोर गणेश पड़’ गया। इतना ही नहीं, चोरी करने जाने से पहले वे गणेशजी से कामयाबी की प्रार्थना मांग कर जाते थे कि हम जब लौटकर आएंगे, तो उसमें से आपका हिस्सा जरूर देंगे।
उज्जैन को धर्मनगरी के नाम से भी जानते हैं। यह मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। इंदौर शहर से जुड़े होने के कारण यहां यातायात के उत्तम प्रबंध हैं। सड़क मार्ग से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। साथ ही उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रूट की ज्यादातर ट्रेनों का ठहराव है।
हवाई मार्ग से आने वालों को इंदौर सबसे नजदीक एयरपोर्ट पड़ेगा। देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, इंदौर से आप सड़क मार्ग से यहां तक आ सकते हैं। 56 किमी की दूरी लगभग एक घंटे में पूरी कर आप उज्जैन पहुंच सकते हैं।

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