टाना भगतों के साथ बर्बतापूर्वक कार्रवाई किया जाना चिन्तनीय : बंधु तिर्की
रांची: प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल अक्टूबर को लातेहार जिला में टाना भगतों द्वारा कचहरी परिसर में तकरीबन 400 की संख्या में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया जा रहा था। इसी बीच प्रशासन द्वारा बर्बतापूर्वक लाठी बरसाया गया। जिसमें 40 टाना भगतों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें राज्य के विभिन्न जिलों में रखा गया है तथा 200 नामजद और 300 अज्ञात अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। क्या यह टाना भगत कोई किर्मिनल हैं- हत्यारे हैं या उग्रवादी हैं?
टाना भगत का इतिहास रहा है वे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के साथ देश की आजादी में अपनी महत्ती भूमिका निभायी है। ये हमेशा शांतिपूर्वक और अहिंसात्मक आन्दोलन के पक्षधर रहें हैं।
इस आन्दोलन को बहुत सोची समझी साजिश के तहत गलत दिशा में ले जाया गया। एक चाल के तहत आन्दोलन करने वाले अगुवाओं को जेल में डालने की पूरी साजिश रची गई हैं।जिससे वे तुबैर, बनरर्दी, चकला, बालूमाथ जहाँ कोयला खद्यान है। वहाँ बेरोक टोक खनन कार्य करने का षडयंत्र रचा गया। उन्हें जेल में डाल कर उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा हैं जो घटना स्थल पर नहीं थे उनका भी नाम अभियुक्तों में शामिल कर दिया गया है। घटना के एक सप्ताह के भीतर ही माईनिंग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ।
श्री तिर्की ने कहा कि आज इन गांव में एक भी सामाजिक अगुवा नहीं बचे हैं। जेल में बन्द टाना भगतों से मिलने से लोग कतरा रहें हैं। टाना भगतों के साथ इस तरह बर्बतापूर्वक कार्रवाई किया जाना चिन्तनीय है। आखिर कौन लोग थे जो टाना भगतों को उकसाया इसकी जांच होनी चाहिए। इसके लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेताओ से भी बातचीत किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो एक प्रतिनिधिमण्डल महामहिम राष्ट्रपति से मिलकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया जायगा। कोल माइनिंग भारत सरकार के संरक्षण में हो रहा है। यह भी सोचने समझने की बात है। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा उपस्थित थे।

