ब्रह्माकुमारिज संस्थान के सिमराही बाजार राघोपुर केन्द्र ने हर्षोल्लास के साथ मनाया दीपावली महोत्सव
अनूप कुमार सिंह
सुपौल। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सिमराही बाजार राघोपुर सेवा केंद्र में बुधवार को भव्य दीपावली महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आत्म ज्योति का प्रतीक स्थूल दीपक जलाकर किया गया। इस दौरान ब्रह्माकुमारी बहनों ने कन्याओं को चैतन्य मां लक्ष्मी के रूप में मीठी कुमारी को झांकी बनाकर पूजा अर्चना कर उनकी आरती उतारी गई।इस अवसर पर बाबा के समक्ष सभी भाई बहनों ने कैंडल जलाकर उत्साह के साथ दीपोत्सव मनाया. ।
इस मौके पर संस्था के ब्रह्माकुमारी बिना बहन,पूजा बहन ने एक से बढ़कर एक शिव बाबा के गीतों पर आधारित ‘मेरी झोपड़ी की भाग्य आज खुल जाएंगे-राम आएंगे’ और ‘दीपों की माला ऐसी सजी है’ तथा ‘तू है लक्ष्मी देवी माता’ के भक्ति गीतों पर उपस्थित दर्शकों का मनमोह लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते दीपावली के आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए स्थानीय सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी जी ने कहा कि परमात्मा की याद की शक्ति व पवित्रता का बल ही हमारा असली सुरक्षा का कवच है।आत्मा की ज्योति जागना ही सच्ची दिवाली मनाना है। उन्होंने कहा कि दीपावली आपसी प्रेम और प्रकाश का त्यौहार है। इस दिन अंधेरे को दूर करके अपने अंदर ज्ञान की रोशनी जागना है और प्रेम का दीया जागना है। उन्होंने कहा कि दिवाली में हम घर के कोने-कोने को सफाई करते हैं इसी तरह हम अपने मन की सफाई करनी है। तभी मेरा मन रोशन होगा।
उक्त कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी किया। मौके पर उप मुख्य पार्षद विनीता देवी, व्यवसायिक भूपेन्द्र यादव,समाजसेवी सेवी प्रो.बैद्यनाथ भगत,
वरिष्ठ पत्रकार अरूण जायसवाल,शिक्षक सौरभ कुमार, प्रयाग लाल यादव, अवध मेहता, नारायण यादव, महेन्द्र यादव,डा बिरेन्द्र प्रसाद साह, बिकी कुमार ,रागिनी देवी, दौलत देवी,नीरज कुमार, इन्द्रदेव चौधरी, रिचा कुमारी,नीलम देवी ,जानकी देवी , मंजू देवी, किरण देवी, शिव कुमारी,साबीत्री देवी, बिना बहन, पूजा बहन, अनिल भाई, नरेश कुमार, अनिल कुमार महतो,ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी सहित काफी संख्या में संस्था से जुड़े भाई भाई-बहन मौजूद थे.। इस दौरान बबीता दीदी,बिना बहन और पूजा बहन ने उपस्थित सभी भाई बहनों को तिलक लगाकर दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं व बधाई दी.। कार्यक्रम के समापन के बाद शिव बाबा का भोग लगा कर भाई-बहनों के बीच प्रसाद वितरण किया गया.।