मांडर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को हो सकता है नुकसान !
रांची : मांडर विधानसभा उप चुनाव की बिसात बिछ चुकी है.इस सीट पर करीब एक दर्जन प्रत्याशी मैदान में हैं. इसमें मुख्य रूप से महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला होने की संभवना है. वैसे इसबार एआईआईएम ओबैसी की पार्टी ने शिशिर लकड़ा को समर्थन दिया है.इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े देव कुमार धान भी इसबार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं.वहीं पिछली बार सन्नी टोप्पो को कांग्रेस ने टिकट दिया था. इसबार उनके जगह पर बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को उतारा है.बंधु तिर्की से नाराज मांडर कांग्रेस के नेता इसमें कुछ न कुछ खेल करेंगे.पार्टी के नेता सन्नी टोप्पो अपने समर्थकों के साथ टिकट लेने के लिए दिल्ली में भी कैंप किया,राजधानी रांची में कांग्रेस के चिंतन शिविर में अपने समर्थकों को भेजकर अपने पक्ष में नारेबाजी भी कराया. लेकिन उसका कोई लाभ उनलोगों को नहीं मिला. इसलिए महागठबंधन में भीतरघात होने की प्रबल संभावना है. वैसे भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर का वोट अन्दर ही अन्दर निर्दलीय प्रत्याशी देव कुमार धान भी काटेंगे. तो वहीं कांग्रेस का मुस्लिम वोट ओबैसी की पार्टी के प्रत्याशी शिशिर लकड़ा आसानी से काट लेंगे.अब इसाई वोट की बात करें तो इसमें भी कई जगह बंटने वाला है. सबसे पहले तो इसाई वोट बंधु तिर्की की बेटी नेहा तिर्की को मिलेगा.उसके बाद आदिवासी और इसाई नेता मार्शल बारला का भी कम जलवा नहीं है. लापुंग के मार्शल बरला को इसबार लापुंग से लीड मिल सकता है. मांडर सीट पर एनडीए और महागठबंधन दोनों की प्रतिष्टा दांव पर है.सबसे मजे की बात तो यह है की यदि मांडर सीट हेमंत सोरेन सरकार हार जाती है तो सरकार की फजीहत हो जाएगी.