बल्ड डोनेशन कैंप में 55 रोगियों को जीवन दान देने के लिए रक्त दाताओं ने किया रक्तदान
रांची: स्वर्गीय सुधा अग्रवाल की स्मृति में रविवार को न्यू लाईफ हॉस्पिटल युवराज होटल के समीप 11वां रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कुल 122 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें से लगभग 35 महिलाएं थी। परंतु हीमोग्लोबिन के कठिन मापदंड रखने के कारण अधिकांश महिला एवं पुरुषों का चयन रद्द हो गया।अंत में 55 लोगों का रक्तदान लिया गया। जिसमें पांच महिलाएं थी। आज के शिविर को लेकर अभी तक 571 यूनिट रक्त का संचय किया गया है। रक्तदान शिविर में संग्रहित रक्त को राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान बरियातू रांची ब्लड बैंक से लेने के लिए उनकी पूरी टीम सभी उपकरणों के साथ ब्लड बैंक एंबुलेंस के साथ पहुंचे थे।
वहीं आतीजकों ने कहा कि इस शिविर के आयोजन का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि हम अपने स्वजनों के पूर्ण स्मृति विवाह वर्षगांठ अथवा जन्मदिन पर दूसरों को जीवनदान देने के लिए रक्त दान का शिविर आयोजित करें ताकि समाज के बीच में एक अच्छा संदेश जा सके और अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सके। रक्तदान शिविर संतोष अग्रवाल द्वारा अपने परम सहयोगी संजीत अग्रवाल के सहयोग से विशेष कर नारनौली अग्रवाल संघ को लेकर और अपने नातेदार रिश्तेदार मित्रों को लेकर लगाया था।विशेष बात यह रही कि बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें भाग लिया।कई माता पिता अपनी पुत्रियों पुत्रों बहनों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते दिखे। अरविंद अग्रवाल और उनकी पुत्री ने साथ-साथ रक्त दान किया।बहुत से रक्त दाताओं ने न केवल भाग लिया बल्कि अपने छोटे छोटे बाल बच्चों को लेकर भी शिविर में आए ताकि आने वाले पीढ़ी को यह संदेश जाए कि बड़े होकर वह भी अपने माता-पिता की तरह लोगों को रक्तदान करें और किसी का जीवन बचाने में सहभागी बने।सभी रक्त दाताओं को अग्रवाल नारनौली संघ व रिम्स ब्लड बैंक से एक एक प्रमाण पत्र भी दिया गया।
विश्व हिंदू परिषद के सेवा विभाग के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि यह एक सकारात्मक शिविर सकारात्मक सामाजिक सोच का अनोखा प्रयास है. पिछले 11 वर्षों से लगातार अपनी माता को सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजली अर्पण के उनकी पुण्य तिथि पर इसका आयोजन सफलतापूर्वक किया जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग के प्रांत सेवा प्रमुख अशोक अग्रवाल ने बताया कि सुधा अग्रवाल उनकी बड़ी बहन जैसी थी और उनका वर्ष 2081 से उनका बहुत ही घनिष्ट संबंध था वह स्वयं ही एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता थी और अपनी छोटी बहनों का भी सामाजिक कार्यों मे बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए बराबर मार्गदर्शन करती रहती थी. आज उनके स्वर्गवास होने के पश्चात उनके सभी पुत्र, पुत्र वधुऐं, बन्धु-बांधव, रिश्तेदा-नातेदार इस परंपरा को आगे बढ़ते हुए उनकी स्मृति में इस प्रकार के मानवीय कार्यों द्वारा शिविर के उद्देश्यों, सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के लिये प्रयासरत हैं।
स्वर्गीय सुधा अग्रवाल की प्रेरणा से और उनकी स्मृति में रेखा अग्रवाल कडरु और वीणा अग्रवाल रातू रोड से आई थी परंतु हीमोग्लोबिन कम होने के कारण वह अपना रक्तदान नहीं कर स्की, इसका उन्हें बहुत अफसोस रहा पर उन्होंने यह प्रण लिया कि अगले शिविर में न केवल वह अपने हीमोग्लोबिन को बढ़ाकर आएंगे और अपने साथ बहुत सी महिलाओं को भी प्रेरित कर इस कार्य में भागीदार बनाएंगे

