जेएसएससी मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर किया हंगामा

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने जेएसएससी सीजीएल प्रश्न पत्र के लीक मुद्दे पर हंगामा किया। यही नहीं हाथों में तख्तियां लेकर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग पर हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 4981 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। छात्र सड़क पर उतर गए हैं। जेएसएससी-सीजीएल 2023 के प्रश्न पत्र लाखों‍ रुपये में बेचे गए हैं। सरकार को इसकी सीबीआई से जांच करानी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस नेता प्रदीप यादव ने भी कहा कि जेएसएससी-सीजीएल 2023 का पेपर लीक होना गंभीर मामला है। साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों में प्रश्न पत्र लीक होने का मामला भी जोड़ दिया। प्रदीप यादव ने कहा कि, सिर्फ झारखंड में ही प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ है।उन्होंने कहा कि जेएसएससी-सीजीएल 2023 का प्रश्न पत्र लीक हुआ है, यह सचमुच गंभीर मामला है। लेकिन, अब तक 43 प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में बुलडोजर बाबा के राज में उत्तर प्रदेश में पुलिस बहाली की परीक्षा का भी प्रश्न पत्र लीक हुआ था।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि सिर्फ झारखंड के पेपर लीक के मामले की ही नहीं, देश में जहां-जहां प्रश्न पत्र लीक हुए हैं, सभी की जांच होनी चाहिए। इसके बाद विधानसभा के पिछले सत्र से वर्तमान सत्र तक के दौरान जितने लोगों का निधन हुआ है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए स्पीकर ने सदन में शोक प्रस्ताव पेश किया। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए सदन में शोक प्रस्ताव के दौरान सदन में शांति बनी रही।
शोक प्रकट करने के बाद जब सदन का कामकाज शुरू हुआ, तो फिर से विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 4,981 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया।
यहां बताते चलें कि, झारखंड में 28 जनवरी 2024 को लंबे अरसे बाद जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा हुई थी। इसका पेपर लीक हो गया और परीक्षा को रद्द करना पड़ा। साथ ही 4 फरवरी 2024 को आयोजित होने वाली जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद जेएसएससी की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए। छात्र संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया। राजधानी रांची के नामकुम स्थित झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) मुख्यालय के सामने 31 जनवरी को जोरदार प्रदर्शन हुआ।
हजारों छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय का घेराव किया और चेयरमैन की कार में तोड़फोड़ कर दी। इस मामले में 15 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया और 4 हजार से अधिक अज्ञात अभ्यर्थियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने अभ्यर्थियों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने और प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की सरकार से मांग की। जेएसएससी सीजीएल 2023 पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
छात्र संगठनों का दावा है कि एक-एक प्रश्न पत्र 27-27 लाख रुपये में बेचे गए हैं। इसलिए मामले की सीबीआई जांच तो होनी ही चाहिए। इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं।
भाजपा विधायक जेपी पटेल,अमित मंडल,विरांचीनारायण,अनंत ओझा सहित भाजपा के विधायकों ने कहा कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही। परीक्षा पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस मामले की सीबीआई जांच कराए। विराची नारायण ने कहा कि दूध की रखवाली यदि बिल्ली को दी जायेगी तो दूध का भगवान ही मालिक है। सारे चोर मौसेरे भाई है। प्रश्न पत्रों को बेच दिया गया। अमित मंडल ने कहा कि आखिर राज्य सरकार इस मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं करना चाहती है। इसका मतलब दाल में काला है। जेपी पटेल ने कहा कि जेएसएससी मामले को सीबीआई जांच होने से कई बड़े नाम सामने आयेंगे।
वहीं सत्तापक्ष के विधायक दीपिका सिंह पाण्डेय ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि एजेंसी की क्या हालत है यह सभी जानते हैं। जो मामला राज्य सरकार के अधीन है अगर राज्य उसे कर रहा है तो उसे करने देना चाहिए। विपक्ष बेवजह इस पर हंगामा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले की राज्य सरकार ने बहुत ही कड़ा कानून बनाया है। इसमें संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी हो रही है। वहीं मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि जेएसएससी मामले की एस आई टी जांच हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *