किसानों में 41 हजार क्विंटल बीज बांटेगी बिहार सरकार, कैबिनेट में 9 प्रस्तावों को मंजूरी

पटना : बिहार सरकार मौसम की अनियमितता को देखते हुए खरीफ मौसम 2023 में आकस्मिक फसल योजना के तहत किसानों के बीच 41 हजार क्विंटल बीजों का वितरण करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वैकल्पिक बीज वितरण के लिए 50 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। मंत्रिमंडल ने काष्ठ आधारित उद्योगों की संख्या का पुनर्निर्धारण करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। मंगलवार की बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि वर्ष 2023-24 में राज्य में अनियमित मानसून, बाढ़, सूखे जैसी स्थिति में खरीफ 2023 में आकस्मिक फसल योजना चलेगी। जिसके तहत किसानों को कुल 15 प्रकार के वैकल्पिक बीजों का वितरण किया जाएगा। जिन बीजों के वितरण की स्वीकृति दी गई है, उनमें धान प्रमाणिक, मक्का संकर, अरहर, उड़द, तोरिया, सरसों अगात, मटर अगात, भिंडी, मूली, कुल्थी, मडुआ, सांबा, कोदो, ज्वार, बरसीम के बीज शामिल हैं।
मंत्रिमंडल ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की काष्ठ आधारित उद्योग के दिशा निर्देश के आलोक में राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा पर आरा मिलों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। प्रदेश में अभी 1919 से आरा मिल हैं इन्हें बढ़ाकर 32 सौ किया जाएगा। जबकि विनियर मिल की संख्या 177 से बढ़ाकर कंपोजिट इकाई (ऐसी इकाई जिसमें विनियर मिल अकेले हो, अथवा विनियर मिल के साथ आरा एवं प्लाइवुड पेस्टिंग भी स्थापित हो) 450 करने का निर्णय लिया गया है। मिलों की संख्या का निर्धारण राज्य स्तर पर किया जाएगा साथ ही इनकी वरीयता सूची बनेगी और इसका प्रकाशन भी होगा।
राज्य सरकार ने विधि विभाग में 110 नए पद भी सृजित किए गए हैं। वहीं पटना हाईकोर्ट में चालक के 27, जमादार के 77 और स्टेनोग्राफर के एक पद का सृजन किया है। वहीं अंकेक्षण निदेशालय के लिए 6 पद सृजन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य में कार्यरत दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2022-23 की बकाया 84.87 करोड़ की राशि बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम रूप में उपबंध करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में एकमुश्त यह राशि दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत और राज्य सरकार से 15 प्रतिशत पूंजी निवेश किया जाता है, जबकि शेष राशि बैंकों द्वारा दी जाती है।
कैबिनेट के फैसले
*मॉनसून, बाढ़, सुखाड़ में आकस्मिक फसलों के लिए 50 करोड़ मंजूर
*काष्ठ आधारित उद्योगों की संख्या का होगा पुनर्निर्धारण, प्रस्ताव मंजूर
*स्पेशल आक्जिलरी पुलिस के 3566 जवानों को मिला अवधि विस्तार
*विधि विभाग में 110 पदों का सृजन करने पर मुहर

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