बिहार के सभी जिलों में होंगे नवोदय विद्यालय की तर्ज पर पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय स्कूल
पटना : बिहार के सभी जिलों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय खुलेंगे। उनमें तमाम सुविधाएं नवोदय विद्यालय जैसी ही होंगी। नामांकन से लेकर पढ़ाई और आवास की सुविधा नवोदय विद्यालय की तर्ज पर होगा।
पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण विभाग ने इस संबंध में व्यापक कार्य योजना तैयार की है। योजना है कि सुदूर इलाकों की पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को अध्ययन के लिए राष्ट्रीय मानक के अनुरूप विद्यालय उनके जिले में ही स्थापित हों ताकि, उन्हें पढ़ाई में किसी तरह की परेशानी न हो।
फिलहाल, 11 जिलों में 12 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं। यहां पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के अध्ययन की व्यवस्था की गई है। पटना जिले में दो आवासीय विद्यालय हैं, जबकि अन्य जिलों में एक-एक। इसमें पटना, मोकामा के अलावा गया, सासाराम, सारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सहरसा, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और मुंगेर जिला शामिल हैं। पिछले दिनों 7 जिलों में पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय के भवन निर्माण की योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इन जिलों में शीघ्र ही विद्यालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।
इन स्कूलों के बाद सूबे में 18 जिलों में पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय हो जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य जिलों में पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय के भवन का निर्माण किया जाएगा। जिसमें हर जिले में आवासीय विद्यालय में 520-520 छात्राओं के रहने और पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी। विभाग की योजना वर्ष 2025 तक सभी जिलों में पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय के भवन का निर्माण पूरा कर लेने की है।
इस संबंध में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने बताया कि हमारी योजना सभी जिलों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या आवासीय विद्यालय स्थापित करने की है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया गया है।