बाबासाहेब का मूलमंत्र शिक्षित बनों, संघर्ष करों एवं संगठित रहो आज भी प्रासंगिक: एसके चटर्जी
रांची: संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की132 वीं जयंती प्रदेश एनसीपी कार्यालय में मनाई गई। प्रदेश यूथ एनसीपी के अध्यक्ष एसके चटर्जी ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मौके पर उन्होंने कहा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों के लोग आज के दिन उन्हें याद करते हैं। वे हमसब के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्होंने सम्पूर्ण जीवन संघर्ष एवं भेदभाव पूर्ण रहा, फिर भी उन्होंने शिक्षा की 32 उपाधि ली।उन्होंने कहा कि दुनिया के 109देशों में आज बाबासाहेब की जयंती मनाया जा रहा है जो विश्व के किसी महापुरुष को इतनी उपलब्धि नहीं मिली है।उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हुए एवं स्वतंत्र भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान निर्माण में अतुल्य भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर जी की अध्यक्षता में दुनिया का सबसे लम्बा लिखित संविधान संविधान सभा द्वारा किया गया था। वहीं कई अन्य नेताओं ने भी डॉ. के जीवन प्रा प्रकाश डाला।