भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार ने किया सरेंडर
लोहरदगा : राज्य को नक्सल मुक्त करने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” नक्सली संगठनों के बीच काफी लोकप्रिय होते जा रही है। कई नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को भाकपा मावोवादी का एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. वहीं एसपी प्रियंका मीना ने बताया कि आत्मसमर्पण नीति “नई दिशा” नक्सली संगठनों के बीच काफी लोकप्रिय होती जा रही है. कई नक्सली सरेंडर कर चुके हैं और कई करने वाले हैं.
इस मौके पर उपायुक्त वाघमारे प्रसाद कृष्ण, डीडीसी गरिमा सिंह, एसडीओ अरविंद कुमार लाल, अभियान डीएसपी दीपक पांडेय, सीआरपीएफ कमांडेंट 158 बटालियन प्रभात कुमार संदवार, एसडीपीओ बीएन सिंह, डीएसपी परमेश्वर प्रसाद, सदर थानेदार मंटू कुमार, सेन्हा सूरज प्रसाद, बगड़ू थानेदार राजन कुमार सिंह, भंडरा थानेदार अभिषेक तिवारी, किस्को थानेदार अभिनव कुमार, कैरो किरण पंडित, कुडू थानेदार अनिल उरांव, यातायात प्रभारी संतोष यादव समेत विभिन्न थानों के थानेदार व पुलिस के जवान मौजूद थे।
सरेंडर के बाद मीडिया से बात करते खेरवार ने कहा कि उसने कक्षा 01 तक शांति आश्रम, लोहरदगा में रह कर पढाई की । घर की आर्थिक हालत खराब रहने के कारण आगे पढ़ाई नहीं कर पाया तथा घर पर ही रहकर खेती बारी में परिवार वालों की मदद किया करता था। वर्ष 2013-14 में भाकपा (माओ०) रविन्द्र गंझू एवं दस्ता द्वारा गाँव में मिटिंग किया गया और प्रत्येक गाँव से एक-एक लड़का का मांग किया गया एवं गांव वालों पर दबाव डालने लगा। गाँव वालों का पिटाई किया एवं जंगल में जाने से प्रतिबंध लगाया, तब गांव वालों ने आपस में मिल बैठकर फैसला किया कि इनके गाँव से इन्हें माओवादियों को सौंप दिया जाय। घर वालो ने इसका विरोध किया पर गाँव वाले नहीं मानें। वर्ष 2013-14 में 12-13 वर्ष के उम्र में भा००पा (माओ०) रविन्द्र गझ के दस्ता में शामिल कर लिया गया और साथ रहकर काम करने लगे। कुछ दिनों के बाद नकुल यादव के दस्ते में शामिल किया गया और नकल के दस्ते में रहकर काम करने लगे। 02 वर्षो तक साथ घूमता रहा। इसके बाद फिर वर्ष 2016 में सुधाकरन रेडडी (सी०सी०) के दस्ते में शामिल किया गया। वर्ष 2016 में (315) हथियार दिया गया एव 2 3 साल तक सुधाकरन रेड्डी (सी०सी०) के दस्ते के साथ रूद, बुढ़ापहाड़, गुमला के छातासराय पीरापाट कोटियापाट सनईटांगर सलामी पकनी क्षेत्र में भ्रमण किया। वर्ष 2019 के अंत तक सुधाकरन के दस्ते में रहे. फिर रविन्द्र गंझू के दस्ते में आया 31 मार्च 2020 को कठठोकवा में पुलिस काउण्टर हुआ जिसमें एक साथी दीनू उरॉव मारा गया।