एएनआरएफ -आईएनएई कॉन्क्लेव का आयोजन,प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

रांची: राष्ट्रीय उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान,
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी द्वारा प्रायोजित एएनआरएफ- आईएई कॉन्क्लेव 2025 के द्वारा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्थित हुए। जिसका विषय आत्मनिर्भर प्रौद्योगिकी-इंजीनियरिंग सुरक्षित भविष्य, जो पिछले 5 अप्रैल 2025 को एन आईएएमटी में आयोजित किया गया। अभिनव उत्पाद-प्रोटोटाइप, ग्रैंड आइडिया चैलेंज और स्टार्ट-अप के विचार जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को स्मृति चिन्ह और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एमडीएस इंडोकैन इंक कनाडा की निदेशक सुश्री मोहुआ दत्ता थीं और कार्यक्रम में एनआईएएमटी के चांसलर अरुण कुमार झा, एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रोफेसर गौतम सूत्रधार, अंतर्राष्ट्रीय रूढ़िवादी राजनीतिक आर्थिक और विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ सुव्रोकमल दत्ता और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा की उपस्थिति भी शामिल थी।
पुरस्कार वितरण समारोह की शुरुआत एनआईएएमटी के निदेशक प्रोफेसर पार्थ प्रोतिम चट्टोपाध्याय के स्वागत भाषण से हुआ। प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने टेक्नोवेट और आत्मनिर्भर का अर्थ समझाया। उन्होंने युवा पीढ़ी से ज्ञान और विज्ञान को प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में बदलने का आग्रह किया ताकि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सके। डॉ सुव्रोकमल दत्ता ने 2040 तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए भारत के तेजी से विकास और प्रगति के बारे में बात की। ऐसा होने के लिए, उन्होंने विकसित भारत के लिए पांच मापदंडों का उल्लेख किया: युवा, नारी शक्ति, ज्ञान, उद्योग, किसान और मजदूर। प्रोफेसर गौतम सूत्रधार ने उल्लेख किया कि इंजीनियर, प्रोफेसर और शोधकर्ता देश की आर्थिक वृद्धि में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से सेमीकंडक्टर उद्योग और विनिर्माण उद्योगों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत को स्वतंत्र बनाने में योगदान देने के लिए कहा। स्वतंत्र राष्ट्र की दिशा में कनाडा और भारत सरकार के सहयोग पर सुश्री मोहुआ दत्ता द्वारा किया गया विचार-विमर्श मनोरंजक था। वहीं अरुण कुमार झा ने विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात की और बताया कि कैसे एनआईएमटी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत सरकार के माननीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को सुनकर पूरी सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। श्री संजय सेठ ने भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न नीतियों; विकासों पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को देशभक्ति की भावना रखने और देश को एक उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति बनाने और ड्रीम प्रोजेक्ट विकसित भारत 2047 को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। श्री संजय सेठ ने एनआईएमटी में केंद्रीय कार्यशाला सुविधा का भूमि पूजन समारोह भी आयोजित किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. वैशाली एस. पोद्दार द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन

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