एजी झारखंड के आशीष बोस ऑफिस में फुटबॉल का झूठा सहारा लेकर लेते हैं छुट्टी

  • ऑफिस में गलत जानकारी देकर संतोष ट्रॉफी के लिए झारखंड टीम के साथ मणिपुर गए

रांची. खेल के आड़ में शुरू से अधिकारी खेल का शोषण करते आ रहे हैं. ऐसे ही लोग खेल व खिलाड़ियों को ढाल बनाकर अपनी रोटी सेक रहे. ऐसा ही एक मामला प्रधान महालेखाकार, एजी झारखंड में कार्यरत असिस्टेंट ऑफिसर आशीष बोस ने किया है. बोस ने ऑफिस में गलत ऐप्लिकेशन देकर छुट्टी ग्रांट कराकर झारखंड फुटबॉल टीम के साथ शामिल हो गए. झारखंड की टीम संतोष ट्रॉफी में मणिपुर खेलने गई हुई है. आशीष टीम के हेड कोच सह मैनेजर हैं.

कैम्प लगा धनबाद में, छुट्टी लिए गिरिडीह के नाम पर
संतोष ट्रॉफी के लिए झारखंड टीम का कैम्प धनबाद के सीजुवा ग्राउंड में 6 से 17 जनवरी तक चला और झारखंड की टीम 18 जनवरी को सुबह मणिपुर के लिए रवाना हो गई. जबकि आशीष बोस ने ऑफिस में छुट्टी लेने को लेकर जो ऐप्लिकेशन दिए उसमें झारखंड टीम का कैम्प गिरिडीह में 2 से 16 जनवरी 2023 लिखा है. अब सवाल यह उठता है की जब कैम्प धनबाद मे चला तो झारखंड फुटबॉल संघ ने क्यों आशीष बोस को गिरिडीह मे कैम्प लगने का पत्र दिया. आशीष ने इसी चिट्ठी के आधार पर ऑफिस मे 2 जनवरी से छुट्टी ले लिए. धनबाद मे कैम्प 6 से 17 जनवरी तक चला और टीम धनबाद से 18 को रवाना हुई.

एक ही ऑफिस से 2 लोग एक ही कैम्प के लिए अलग-अलग नाम दिए
संतोष ट्रॉफी के लिए झारखंड का जो कैम्प धनबाद में लगा उसमें रांची के 9 खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया. इसी कैम्प में एजी झारखंड के सोमरा मुंडा भी शामिल हुए. एक ही ऑफिस से 2 लोग एक ही कैम्प के लिए अलग अलग जिला का नाम देकर छुट्टी ग्रांट कराएं. साथ ही आशीष को जो चिट्ठी झारखंड फुटबॉल संघ ने दिया उसमें उन्हें फाइनल टीम का हेड coach बनाया गया. कैम्प में हेड कोच का कोई कार्य नहीं होता है. लेकिन बोस ने ऑफिस मे कैम्प के नाम पर भी छुट्टी ग्रांट करा लिए.

झारखंड फुटबॉल संघ के महासचिव के करीबी होने का फायदा मिला
जानकारी के अनुसार झारखंड फुटबॉल संघ के महासचिव के बहुत ही करीबी होने का फायदा आशीष बोस हमेशा उठाते रहते है. यह पहली बार नहीं है कि आशीष बोस ऑफिस से छुट्टी लेकर झारखंड टीम के साथ गए हैं. वे राष्ट्रीय महिला और पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम के साथ कई बार ऑफिस से छुट्टी लेकर बाहर गए हैं. आशीष ऑफिस का काम छोड़कर भी अक्सर झारखंड फुटबॉल संघ के कार्यक्रम मे शामिल होते रहते हैं. कहा जाता है की झारखंड फुटबॉल को पीछे के दरवाजे से बोस ही चला रहे हैं.

नियमानुसार कोच बनकर नहीं जा सकते आशीष बोस
किसी भी राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए टीम का कोच बनने के लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने कुछ अहर्ता रखी है. संतोष ट्रॉफी टूर्नामेंट में टीम का कोच वही बन सकता है जो c- liecence का कोर्स किया हो. सी liecence का कोर्स करने के बाद ही टीम का कोच बन सकते हैं. जबकि आशीष बोस डी liecence का कोर्स किए हैं. लेकिन झारखंड फुटबॉल संघ ने उन्हें चिट्ठी मे झारखंड टीम का हेड कोच भी बना दिया है.


संतोष ट्रॉफी के पहले मैच मे पंजाब ने झारखंड को हराया
संतोष ट्रॉफी के पहले ही मैच मे झारखंड को हार के साथ सामना करना पड़ा. पंजाब की टीम ने कड़े संघर्ष के साथ झारखंड की टीम को 1-0 से हराया. अब झारखंड 24 को होस्ट टीम मणिपुर के साथ खेलने उतरेगी.

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