जर्दालु आम, कतरनी धान, मगही पान और शाही लीची के बाद मिथिला के मखाना को मिला जीआइ टैग
मिथिला के मखाना को आखिर मिल ही गई अंतरराष्ट्रीय पहचान
पटना। बिहार में भागलपुर का जर्दालु आम, कतरनी धान, नवादा के मगही पान और मुजफ्फरपुर के शाही लीची के बाद मिथिला के मखाना को जीआइ टैग मिल गया है। अब इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय हो गई है। बताते चलें कि देश का 80 फीसदी मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। मखाना फसल का भौगोलिक सूचक में मिथिला मखाना के नाम से प्रस्तावित किया गया था। पिछले पांच वर्षों के दौरान एक हजार से अधिक पन्नों का मखाना के ऐतिहासिक दस्तावेजों को संग्रहित कर जीआइ टैग हासिल करने के लिए आवेदन किया गया। इसका फलाफल है कि मिथिला मखाना के नाम से जीआइ टैग प्राप्त करने में सफलता मिली है। अब मखाना का 11 जिलों में उत्पादन होगा। अब तक मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, कटिहार एवं पूर्णिया में मखाना का उत्पादन हो रहा है। इसमें दो नए जिले सीतामढ़ी एवं पश्चिमी चम्पारण को भी शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया को नोडल केंद्र बनाया गया हैं।

