आखिर काम आई सीएम हेमंत की रणनीति, सोनिया गांधी को समझाने में रहे कामयाब
रांचीः सीएम हेमंत सोरेन ने महुआ मांझी को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर एक बार फिर नहले पर दहला मार दिया। यूं कहें कि झाममुो ने सभी को चैंका दिया। महागठबंधन से उम्मीदवारी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कहा और लिखा भी जा रहा था कि गुलाम नबी आजाद, तो कभी फुरकान अंसारी, डॉ अजय कुमार , सुबोधकांत सहाय या फिर राजेश ठाकुर उम्मीदवार होंगे। यूं कहें कि जतनी मुंह उतनी बातें। मुख्यमंत्री ने सोमवार को महुआ मांझी के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया। अब हाल यह है कि कांग्रेसियों को जो सपने में लड्डू दिख रहे थे, वो सपना टूटा तो देखा कि लड्डू किसी और के मुंह में था। कुछ कांग्रेसी खिसिया कर अपना मुंह बंद कर लिया है, तो कुछ कांग्रेसी सोंच रहे हैं कि बोलें तो क्या बोलें। हालांकि झामुमो ने पहले ही संकेत दे दिया था कि कंफर्म सीट पर झामुमो का ही उम्मीदवार होगा। बताते चलें कि शनिवार रात सोनिया गांधी और हेमंत सोरेन की मुलाकात हुई थी। इस दौरान हेमंत सोरेन सोनिया गांधी को समझाने में कामयाब रहे। सीट झामुमो के खाते में चली गई। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेताओं की इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है। इससे पहले कांग्रेस के नेताओं ने ताल ठोंक कर कहा था कि झामुमो को बड़ा दिल दिखाना होगा। पिछले चुनाव में शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजने में कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई थी। इस लिहाज से कांग्रेस को कंर्फम सीट मिलना चाहिए। लेकिन कांग्रेस का प्रेशर पॉलिटिक्स काम नहीं आया।

