आचार्य ललितानंद बने महामंडलेश्वर

पटना। मां कामाख्या के परम भक्त व शाक्त उपासक हरिद्वार निवासी आचार्य ललितानंद को प्रयागराज के महाकुंभ शाक्त अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर की उपाधि से भी विभूषित किया है।गौरतलब हो कि शाक्त अखाड़ा परिषद अन्य अखाड़े की तरह भारत सरकार से निबंधित संस्था है। विदित हो कि
इस अखाड़ा परिषद में शाक्त उपासकको यानी शक्तिपीठों व देवी की आराधना करने वाले भक्तों, साधु संतों को इस अखाड़ा परिषद में प्रवेश होता है। इस संबंध में शाक्त अखाड़ा परिषद ने आचार्य ललितानंद को महामंडलेश्वर बनाए जाने का प्रमाण पत्र भी जारी किया है।
महामंडलेश्वर आचार्य श्री ललितानंद तांत्रिक विधाओं के मर्मज्ञ माने जाते हैं और शक्ति उपासना उनके जीवन का ध्येय है।
महामंडलेश्वर द्वारा हरिद्वार में 51 शक्तिपीठों का एक भी भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इस मंदिर में देश-विदेश में स्थापित 51 शक्तिपीठ एवं 12 ज्योतिर्लिंगों का एक साथ दर्शन होगा ।मंदिर का निर्माण कार्य जोर-जोर से चल रहा है।
आचार्य ललितनंद को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर शाक्त उपासक और सर्वमंगला सिद्धाश्रम के प्रणेता परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज के शिष्य पीठाधीश्वर स्वामी श्यामानंद जी महाराज एवं पीठाधीश्वर गंगानन्द जी महाराज इत्यादि ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई दिया है।

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