फरार चल रहे मगध विवि के पूर्व कुलपति डा. राजेंद्र प्रसाद का कोर्ट में सरेंडर
पटना : करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में फरार चल रहे मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने बुधवार को पटना में निगरानी कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। डा. प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) की स्पेशल टीम ने दो दिन पहले उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के एडीजी नय्यर हसनैन खान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया डा. प्रसाद को रिमांड पर लेने के लिए जल्द ही कोर्ट में अर्जी लगाई जायेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद से वे एसवीयू के समक्ष उपस्थित नहीं हुए और लगातार फरार चल रहे थे। आय से अधिक संपत्ति मामले में एसवीयू ने उनके बोधगया, गोरखपुर, पटना समेत सभी ठिकानों पर नवंबर 2021 को छापेमारी की थी। इससे पहले भी विशेष निगरानी इकाई ने उनसे पूछताछ के लिए कई बार समन जारी करके बुलाया था, लेकिन वे कभी भी हाजिर नहीं हुए।
दरअसल, पूर्व वीसी राजेंद्र प्रसाद अपनी अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा था। इसके पहले 17 नवंबर 2021 को राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर हुई छापेमारी में करीब 3 करोड़ रुपये कैश मिला था और 30 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था। एसवीयू ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे पेश नहीं हुए।
डा. प्रसाद को लेकर राजभवन सचिवालय और राज्यपाल फागू चौहान की भूमिका पर भी अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं।