हेमंत सोरेन सरकार द्वारा आईएएस पूजा सिंघल को निलंबित करना स्वागतयोग्य कदम: विजय शंकर नायक
रांची :झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने राज्य सरकार द्वारा पूजा सिंघल को निलंबित करने के कदम को स्वागतयोग्य बताया। उन्होंने कहा कि सीएम के इस कार्य से राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में मिल का पत्थर आने वाले दिनों में साबित होगा । उन्होंने कहा कि अब समय की मांग है की झारखंड में भ्रष्ट पदाधिकारियों को सबक सिखाने हेतु कड़ी से कड़ी करवाई की जाय ताकि भ्रष्ट पदाधिकारियों के भाजपा राज में बड़े मनोबल को तोड़ा जा सके ।
श्री नायक ने आगे कहा कि चतरा,खूंटी में मनरेगा की पैसों की लूट के आरोपी पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने वाले अधिकारी तथा उस समय के मुख्यमंत्री एवम् मंत्री पर भी भ्रष्टाचार के आरोपी को सरंक्षण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज किया जाय एवम् गिरफ्तारी करने का आदेश निर्गत करने का कार्य करे हेमंत सरकार । उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड में मोमेंटम घोटाला, झारक्रफाट में कंबल घोटाला,शिक्षा विभाग में टैब घोटाला,झारखंड में ऊर्जा विभाग में टीडीएस घोटाला,सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम निर्माण में (मेनहार्ट)घोटाला,खनन विभाग में शाह ब्रदर्स घोटाला,कोनार बांध घोटाला,टाफी घोटाला,गंजी घोटाला की जांच में तेजी लाने हेतु निर्देश देने का कार्य करे और समयबद्ध तरीके से एक निश्चित समय में इसका फलाफल जांच पूरी कर दोषी पदाधिकारी एवम् दोषी राजनेताओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें ताकि आनेवाले दिनों में झारखंड के नेता और अधिकारी लोग इससे सबक ले सके ।
श्री नायक ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह भी राज्य हित में मांग किया की अगर राज्य में झारखंड कैडर में आईएएस की कमी है तो वह केंद्र सरकार से आईएएस अधिकारी की पदस्थान की मांग करे मगर वे किसी भी हालत में एक आईएएस अधिकारी को किसी भी कीमत में एक से अधिक विभाग का अतिरिक्त प्रभार न दे। भाजपा की जो परंपरा रही की एक ही अधिकारी को अधिक से अधिक विभाग का अतिरिक्त प्रभार देने की थी अब उसे जल्द से जल्द समाप्त करने के दिशा में करवाई की जाय। अभी भी राज्य में यह देखने को अधिकतर मिल रहा है की एक एक आईएएस को चार पांच विभाग का अतिरिक्त प्रभार देकर काम कराया जा रहा है जो राज्य हित में नही है इस गंदी परंपरा को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए और दागी आरोपी पदाधिकारी जिसपर जांच चल रही हो विभागीय करवाई चल रही हो उस पदाधिकारी को तो किसी भी कीमत में कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग नही दिए जाए ।ऐसे अधिकारियों को सेंटिंग पोस्ट पद दिया जाए ।
श्री नायक ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक से यह भी मांग किया की अभी भी राज्य में कई ऐसे अधिकारी है जिनकी संपत्ति आय से अधिक है वैसे पदाधिकारियों की भी संपति की जांच कराई जाए और उनके ठिकानों पर छापामारी की जाय ताकि उन भ्रष्ट पदाधिकारियों का भी भंडाफोड़ हो सके ।