कार्यों में शिथिलता व संवेदनहीनता के आरोप में  सम्पतचक सीओ के विरूद्ध पाँच हजार अर्थदंड लगाते हुए डीएम ने स्पष्टीकरण पूछा

पटना।राजधानी पटना समेत पूरे जिले में  लोक शिकायत के कार्यों में शिथिलता व कोताही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी!पटना से सटे सम्पतचक सीओ को लोक शिकायत के कार्यों में शिथिलता व कोताही बरतने के आरोप में डीएम  डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा पांच हजार अर्धदंड लगते हुए स्पष्टीकरण पूछा गया।गौरतलब हो कि शनिवार को डीएम द्वारा अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी व उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत के मामले में निवारण को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध कार्रवाई की गई।विदित हो कि 

डीएम डॉ. सिंह द्वारा लोक शिकायत के कुल 20 मामलों की सुनवाई की गई।वहीं समस्याओं का समाधान किया गया। लोक शिकायत के निष्पादन में शिथिलता बरतने के कारण सम्पतचक सीओ के विरूद्ध ₹5,000 का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही स्पष्टीकरण भी किया गया है।

जहां अपीलार्थी  रविन्द्र नाथ सिंह, ग्राम/शहर-तारणपुर, पोस्ट-लखनपर, प्रखंड-सम्पतचक, अनुमंडल-पटना सदर, द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी कि शिकायत परिमार्जन के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, सम्पतचक द्वारा इस मामले में कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गयी है। उनका प्रतिवेदन भी अस्पष्ट व असंतोषजनक है।डीएम ने कहा कि अंचल अधिकारी, सम्पतचक की यह कार्यशैली अत्यंत कर्तव्यहीन है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना सदर के समक्ष दिनांक 05.09.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग नौ महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, सम्पतचक के स्तर पर ही लंबित है।डीएम ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता व संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने, अस्पष्ट प्रतिवेदन देने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध पाँच हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय व गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015  का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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