पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर बातचीत होगी: पीएम मोदी
दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के बाद पहली बार पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया है। उन्होंने अपने संबोधन में तीन बातों को रेखांकित किया है।
पीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं स्थगित हुआ है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
पीएम ने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद और पीओके पर सिर्फ बातचीत होगी।टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकता,टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकता है और पानी और खून एक साथ नहीं बहेगा।
पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिए बगैर कहा कि भारत न्यूक्लर ब्लैक मेल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को मैसेज देने का काम किया है।
पीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान में आगे होने वाले करतूत पर निर्भर करेगा कि हमारी लड़ाई किस तरह जायेगी। पाकिस्तान यदि आतंकवाद को संरक्षण देना बंद नहीं करेगा तो एक दिन पाकिस्तान को बहुत पछताना पड़ेगा।
पीएम ने कहा कि यह युग नहीं है युद्ध का और यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हमारी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसमें एक सौ आतंकी मारे गए। पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख और वहां के पीएम आतंकियों के जनाजे पर बुके चढ़ाने जाते हैं। यह चिंता का विषय है।
इसके साथ ही कहा कि भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान में बौखलाहट हो गई और पूरी दुनिया में इस युद्ध को विराम लगाने के लिए गुहार लगा रहा था। पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख ने भारतीय सेना को युद्ध विराम के लिए मैसेज दिया। भारत ने उसी दिन सीजफायर को स्वीकारा। भारत शांति का मार्ग चाहता है। क्योंकि शांति से शक्ति मिलती है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर किए गए निर्णायक हमले ने पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया, जिससे उसका नेतृत्व सकते में आ गया. आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन करने के बजाय, पाकिस्तान ने हमारे धार्मिक स्थलों, स्कूलों, नागरिक घरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले करके जवाबी कार्रवाई की. हालांकि, इस शत्रुता ने पाकिस्तान की कमजोरियों को उजागर करने का ही काम किया. दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोनों को भारत की उन्नत और मजबूत रक्षा प्रणालियों ने आसानी से बेअसर कर दिया, और उनके आक्रमण को हवा में ही ताश के पत्तों की तरह ध्वस्त कर दिया. जबकि पाकिस्तान ने भारत की सीमाओं को निशाना बनाने का लक्ष्य रखा था, भारत ने रणनीतिक रूप से जवाब दिया, उनके मुख्य बुनियादी ढांचे पर सटीक प्रहार किया।

