पढ़ाई के लिए आत्मविश्वास होना अतिआवश्यक हैं दृढ़ निश्चय बना कर रखना है: उपायुक्त
रांची: उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री से गुरुवार को समाहरणालय ब्लॉक- ए स्थित कॉन्फ्रेंस कक्ष में रांची जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों के 10 बाल रिपोर्टर सीधे बातचीत करने के लिए यूनिसेफ झारखंड और नव भारत जागृति केंद्र (एनबीजेके) द्वारा चल रहे बाल रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत आयोजित एक संवाद सत्र कार्यक्रम में मिलें।
अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते हुए, रांची जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों के 10 बाल रिपोर्टर आज उपायुक्त रांची से सीधे बातचीत करते हुए बाल रिपोर्टरों ने उनके जमीनी प्रयासों की कहानियाँ साझा किया। जिसमें कि ड्रॉपआउट छात्रों का फिर से नामांकन, लिंग भेदभाव को चुनौती देना और स्कूल परिसरों के पास शराब विक्रेताओं को हटाने के लिए समुदायों को संगठित करना आदि।
छात्रों ने उपायुक्त को उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी सामूहिक आवाज़ ने सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन में योगदान दिया, जो लड़कियों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इसके अलावा, बच्चों ने अपने स्कूलों में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिसमें चारदीवारी की कमी, क्षतिग्रस्त छतें और असुरक्षित या अनुपस्थित पहुंच मार्ग शामिल हैं। जिसपर उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए इस पर कार्य करने का निर्देश सम्बंधित पदाधिकारी को दिया गया।
उपायुक्त ने सभी आए बाल पत्रकार से पूछा की आपको जिला प्रशासन और उपायुक्त कैसे कार्य करते हैं, इसकी जानकारी हैं, जिसपर छात्रों ने बताया की उन्हें जानकारी तो हैं, जो बहुत कम हैं। जिसपर उपायुक्त ने उन्हें विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के कई महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिसमें जिला में विधि-व्यवस्था, सरकारी कार्यालयों में कार्य का संपादन कैसे हो रहा हैं, राज्य सरकार की कल्याणकारी योजना जन-जन तक कैसे पहुंचें। साथ ही बताया की जिला प्रशासन जिला में शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। कई चुनौती आती हैं, जिसपर जिला प्रशासन द्वारा इसे आपसी सहभागिता से इसे दूर किया जाता हैं एवं अन्य सभी कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। जिसपर बाल पत्रकार ने कहा उन्हें सारी जानकारी मिली जिससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। जिला शिक्षा अधीक्षक रांची, श्री बादल राज द्वारा भी छात्रों को कई महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक जानकारी दिया।
बाल पत्रकार ने उपायुक्त से बाल कल्याण के लिए जिला प्रशासन के कामकाज के बारे में विचारशील प्रश्न पूछे जिसपर उन्होंने बताया की जिला प्रशासन द्वारा उनके लिए कई कल्याणकारी कार्य किए जा रहें हैं।
बाल पत्रकारों ने उपायुक्त से आईएएस अधिकारी बनने, जीवन की चुनौतियों पर काबू पाने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने के बारे में उनकी सलाह मांगी। जिसपर उन्होंने कहा की आईएएस बनने के लिए जरुरी नही आप बाहर जाए घर में रह कर बाकी जगहों से स्टडी मेटेरियल मंगा सकते हैं, ऑनलाइन भी बहुत कुछ मिल सकता हैं। पढ़ाई के लिए आत्मविश्वास होना अतिआवश्यक हैं। दृढ़ निश्चय बना कर रखना हैं। पढ़ाई अपने अनुरूप पढ़े की आप कितना याद कर पा रहें हैं, सामान्य ज्ञान, इतिहास, देश के बारे जानकारी, भौगोलिक जानकारी, सेल्फ स्टडी अति आवश्यक हैं। आत्मविश्वास और दृढ इच्छा से इसे दूर किया जा सकता हैं। छात्रों ने उपायुक्त को आकर्षक ग्रीटिंग कार्ड और चित्र भी दिया। जिसको देख कर उपायुक्त काफ़ी खुश हुए।
राज्य के लिए प्राथमिकता सबको लेकर चलना ताकि कल्याणकारी योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें
उपायुक्त ने बैठक में कहा की जिला प्रशासन लोगों के साथ समन्वय बना कर सभी एक दिशा में कार्य करते हैं। जिससे राज्य सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को धरातल में लाया जाता हैं। आम लोगों की अपेक्षा बहुत होती हैं, उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बेहतर प्रयास किए जाते हैं। राज्य के लिए प्राथमिकता सबको लेकर चलना ताकि कल्याणकारी योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें। विकास में सबकी सहभागिता होनी चाहिए।
यूनिसेफ झारखंड की संचार विशेषज्ञ सुश्री आस्था अलंग ने कहा: “बच्चों की आवाज़ वकालत के लिए शक्तिशाली उपकरण हैं और सकारात्मक बदलाव लाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं। जब वे उन मुद्दों के बारे में बोलते हैं जो उन्हें प्रभावित करते हैं, तो इससे ध्यान, सहानुभूति और सबसे महत्वपूर्ण बात, बदलाव आता है। यह कार्यक्रम उन आवाज़ों को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था कि उन्हें सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सुना जाए।” उनकी चिंताओं और उपलब्धियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, उपायुक्त ने कहा: “इन बच्चों को उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनके द्वारा लाए जा रहे बदलाव के बारे में इतने आत्मविश्वास से बोलते हुए सुनना बेहद उत्साहजनक है। उनके सवाल विचारपूर्ण थे, उनके अनुभव प्रेरक थे और उनके विचार आशाजनक थे। हम सुनने और जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हर बच्चे के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक समावेशी भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
डीसी ने सभी छात्रों से विशेष रूप से कहा की हमेशा जीवन में वैसे मित्र बनाएंगे जो आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। जो आपके भविष्य को बेहतर बनाने में आपको अच्छा सलाह दे। वैसे मित्र से दूर रहना हैं, जो नशा-पान करते हैं, जो गलत संगत में रहते हैं। जो गलत रास्ते में चलते हैं। मित्र का चयन सोच समझ कर करें ताकि अच्छा मित्र आपको अच्छा मार्गदर्शन दे। कम मित्र हो लेकिन अच्छे मित्र हो इसपर ध्यान दे। सभी अपना सामान्य ज्ञान और सबसे महत्वपूर्ण अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखें। इसके लिए पौष्टिक आहार है जंक फूड से दूर रहे। अगर संभव है तो मोबाइल से दूर रहे। मोबाइल का प्रयोग सिर्फ आवश्यक होने पर करें। पढ़ाई और सामन्य ज्ञान के लिए प्रयोग करें। मोबाइल का लत नहीं रखें।

