देवघर पुलिस पर लगा इल्जाम निकला झूठा

देवघर : मोहन सिंह की मां को बाइक पर पीछे से खींचने और मारने का पुलिस पर इल्जाम झूठा निकला। स्थानीय कुछ छुटभइया नेताओं के बहकावे में आकर पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर गलत इल्जाम लगाया गया था। यही नहीं पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के साथ गाली-गलौज, अभद्र व्यवहार और मारपीट तक की गयी। कई पुलिस वाले चोटिल भी हो गये। देवघर के जसीडीस थाना क्षेत्र के मानिकपुर के रहने वाले मोहन सिंह ने पुलिस पर संगीन इल्जाम लगाया।

बीते रविवार यानी दो मार्च को शाम करीब चार बजे वह अपनी मां रेणु देवी को अपनी बाइक पर लेकर मानिकपुर से सारवां जा रहा था। हथगढ़ पुल के पास पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। आरोप है कि चेकिंग के दरम्यान ही पुलिस वालों ने बाइक पर सवार रेणु देवी को खींचा और मारा, जिसके चलते वह बाइक से गिर गई और उनकी मौत हो गयी। वहीं, कुछ स्थानीय नेताओं के बयानबाजी के बाद आसपास के लोग आक्रोशित हो गये और रेणु देवी की डेड बॉडी के साथ NH-114A को जाम कर दिया। वहीं, ड्यूटी पर तैनात पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की।

पुलिस पर लगे गंभीर इल्जाम के बाद SP अजीत पीटर डुंगडुंग के निर्देश पर पूरे मामले की तफ्तीश की गयी। जांच में जो बातें छन कर सामने आयी, वह सभी को चौंका गयी। दो मार्च को हथगढ़ पुल स्थित चेकिंग स्थल पर तैनात पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों ने खुलासा किया कि वहां कोई घटना घटी ही नहीं थी। सारवां जाने के क्रम में मोहन सिंह की मां रेणु देवी मेधा सदन हॉस्पिटल के पास बाइक से गिर गयी थी। जिन्हें आसपास के लोगों की मदद से मेधा सदन हॉस्पिटल में ही ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्थानीय नेताओं और कुछ लोगों के बहकावे में आकर मोहन सिंह के द्वारा अपनी मां की डेड बॉडी के साथ चेकिंग पॉइंट पर पहुंच कर बवाल किया गया। तफ्तीश में पता चला कि वाहन चेकिंग स्थल और दुर्घटना स्थल के बीच की दूरी करीब 500 से 700 मीटर है। चेकिंग पॉइंट पर किसी तरह की कोई घटना घटी ही नहीं। यह सब पुलिस की छवि धूमिल करने की साजिश है। सभी उपद्रवियों की तस्वीरें हासिल कर ली गयी है। पुलिस सभी के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई करेगी।

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