झारखण्ड उलगुलान संघ की बैठक में रणनीतिक पर हुई चर्चा

खूंटी: झारखण्ड उलगुलान संघ की रणनीतिक बैठक गुरुवार को मुंडा कुंजला के देवीगुड़ी स्थल में संयोजक अलेस्टेयर बोदरा की अध्यक्षता में हुई। क्षेत्रीय बैठक में लिये गए निर्णय को प्रस्तुत करते हुए संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि खूंटी जिला के सभी पारम्परिक ग्राम सभा का यह स्पष्ट कहना है कि पेसा कानून संसद द्वारा पारित कानून है, इसको लागू करने के लिए किसी तरह का कोई कानून राज्य सरकार नहीं बना सकती है। ब्लकि,पेसा कानून को लागू करने के लिए नियमावली तैयार करना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है। परन्तु,राज्य सरकार झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम – 2001 के तहत पेसा कानून लागू करने की जिद पर अड़ी हुई है। यह पारम्परिक ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार से वंचित कर आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही है।
आदिवासी स्वशासन के प्रावधानों को अक्षरशः लागू करने हेतु क्षेत्रीय बैठक में दिनांक – 16 मार्च 2025 से दिनांक – 18 मार्च 2025 के उलगुलान की भूमि डोम्बारी बुरू से विधानसभा पैदल मार्च के आन्दोलन में सभी पारम्परिक ग्राम सभा से पूरी भागीदारी होगी। इस पैदल मार्च से झारखण्ड सरकार पर यह दबाव बनाया जाएगा कि पेसा कानून का अविलम्ब नियमावली निर्माण सहित खूंटी जिला में फोरलेन सड़क निर्माण से पूर्व सम्बंधित पारम्परिक ग्राम सभा संग पेसा कानून के आधार पर विधिक सहमति लेना, गाँव के सामुदायिक उपयोग की भूमि पर पारम्परिक ग्राम सभा के अधिकार पर रोक लगाने वाली भूमि बैंक एवं भूमि पूल नीति को निरस्त करने, ऑनलाइन भू-दस्तावेज के त्रुटियों में सुधार आदि विषयों पर झारखण्ड सरकार यथाशीघ्र निर्णय ले। अन्यथा सरकार को चैन से बैठने नहीं दिया जाएगा।
बैठक में मसीहदास गुड़िया, रतन सिंह मुंडा, जोन जुरसेन गुड़िया, फूलचंद टूटी, जीवन हेमरोम, बेनेडिक्ट नवरंगी, जेवियर सांगा, डिबार मुंडा, दानिएल हस्सा एवं मरसल हंस आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

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