विवेकानंद जयंती पर सरस्वती शिशु विधा मंदिर में  वार्षिकोत्सव का आयोजन

गणादेश, रांची: राजधानी रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विधा मंदिर धुर्वा में रविवार को विवेकानंद जयंती पर वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजेश कुमार और बीआईटी मेसर के कुलपति इंद्रनील मन्ना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत विद्यालय के प्राचार्य ललन कुमार ने कराया। अतिथियों का स्वागत पौधा मोमेंटो एवं अंग वास प्रदान कर किया। विद्यालय का परिचय प्रस्तुत करते हुए शिशु विकास मंदिर समिति के मंत्री अखिलेश्वर नाथ मिश्रा ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्य अपनी सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित सन 1971 में मात्र तीन कमरों से विधायलय का शुभारंभ हुआ। 1973 के बसंत पंचमी के दिन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की नींव रखी गई। वर्ष 1984 में बिहार बोर्ड की परीक्षा में सभी भैया बहन प्रथम श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समय की मांग को देखते हुए 1997 में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त कर विद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान रखता है। विद्या भारती के पंचपदी शिक्षा प्रणाली पर आधारित शिक्षा के साथ विद्यालय में अनुशासन भारतीय संस्कृति एवं खेलकूद पर अत्यधिक जोर दिया जाता है। विद्यालय में मेधावी एवं गरीब बच्चों का निशुल्क शिक्षक तथा विद्यालय के हॉस्टल में 10 जनजातीय बच्चों के निशुल्क शिक्षक की व्यवस्था है।

विशिष्ट अतिथि बीआईटी मिश्रा की कुलपति इंद्रनील मन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि भारत नव युवकों की आबादी में दुनिया में अग्रणी स्थान रखता है। इस युवा भारत को ऊर्जा का उपयोग कर हम 2047 तक विकसित भारत का दर्जा पा सकते हैं। उन्होंने विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि विवेकानंद जी ने विश्व को वेदांत राजयोग से परिचय कराया। उन्होंने शिक्षा को खोज आधारित होने पर जोर दिया चरित्र सच्चाई एवं राष्ट्रीयता का शिक्षा में समावेश अति आवश्यक है। वहीं मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजेश कुमार ने कहा कि युवाओं में ऊर्जा अपने उच्चतम स्तर पर होता है। मां दुर्गा ऊर्जा की प्रतीक है। गणेश विवेक का प्रतीक है। युवाओं को विवेकानंद जी के पदचिन्ह पर चलते हुए आलस्य का त्याग कर उन्नत समाज का निर्माण करना चाहिए।

वार्षिकोत्सव मैं संस्कार पूर्ण संस्कार पूर्ण संस्कृति कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई संस्कृतियों के समागम की झलक का आरंभ एकल गीत से हुआ। भारतीय देव संस्कृति को दर्शाता देवी स्तुति राम भरत मिलाप भगवान राम जन्मोत्सव एवं महाभारत की सुंदर प्रस्तुति विद्यालय के भैया बहनों ने की। देश के पश्चिम की प्रसिद्ध नृत्य गरबा एवं पूर्वांचल की ताजी की का एहसास कराता आसामी नृत्य ने सभी देश दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। जीवन के पहलुओं को छूता जीवन के दिन बाल श्रम अंग्रेजी नाटक भोली की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्र मुक्त कर दिया। झारखंड की माटी की खुशबू बिखेर थाना नागपुर नित्य को सभी ने काफी सराहा। इस अवसर पर शिशु विकास मंदिर समिति के अध्यक्ष शक्ति नाथ लाल दास, संरक्षक पवन मंत्री, उपाध्यक्ष बीके जायसवाल, सहमंत्री डॉ धनेश्वर महतो, कोषाध्यक्ष एस वेंकट रमन, डॉक्टर उमाशंकर शर्मा, महावीर सिंह, नागेंद्र श्रीवास्तव, लाल अशोक नाथ शाहदेव, नर्मदेश्वर मिश्र सहित कई लोग मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *