जदयू नेत्री डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी बनीं बीपीएससी टीचर, समाज सेवा में भी रहीं हैं अग्रणी

महिषी :प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत आरापट्टी की पूर्व मुखिया, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा की समर्थक डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित चयन परीक्षा में सफलता प्राप्त कर बिहार सरकार के तहत माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के पद के लिए चयनित हो गईं हैं। बीपीएससी द्वारा सोमवार को जारी परिणाम में डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी का नाम विज्ञान विषय के अनारक्षित वर्ग में 1271 वें स्थान पर आया है।

सामाजिक कार्य और शिक्षा के प्रति समर्पण

डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी का जीवन शिक्षा, समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पित रहा है। उन्होंने 2016 में महिषी प्रखंड के ग्राम पंचायत आरापट्टी की मुखिया के रूप में कार्यभार संभाला और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों को अपनी पंचायत में लागू किया। उनके कार्यकाल में पंचायत स्तर पर कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए, जिनमें शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया गया।

मुखिया पद पर कार्यकाल समाप्त होने के बाद, डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी ने अपनी सामाजिक कार्यों को जारी रखते हुए “देवता निभा राजनारायण फाउंडेशन” की स्थापना की। इस संस्था का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समाज सेवा के कार्यों को बढ़ावा देना है। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने क्षेत्र में एक नई दिशा दी है, और उन्होंने गांव के लोगों को जागरूक करने के लिए कई पहल की हैं।

शैक्षिक पृष्ठभूमि और शोध कार्य

शिक्षा के क्षेत्र में भी डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी की उपलब्धियाँ प्रभावशाली हैं। उन्होंने बीएन मंडल विश्वविद्यालय से जन्तु विज्ञान में स्नातकोत्तर (M.Sc.) की डिग्री प्राप्त की और फिर “Study of Microbial Quality of Water and Fees Using Raw and Fermented Poultry Manure” पर पीएचडी की उपाधि हासिल की। उनका शोध क्षेत्र जल की गुणवत्ता और पर्यावरणीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई शोध आलेख प्रकाशित किए हैं।

परिवार का योगदान

डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, खासकर अपने पिता श्यामानंद झा, मां गंभीरा देवी, सास निभा देवी, सिया देवी, और पति डॉ. अक्षय कुमार चौधरी को देती हैं। उनका कहना है कि परिवार के समर्थन और आशीर्वाद से ही वह यह सफलता हासिल कर पाईं। इसके अलावा, डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी ने अपने सभी शिक्षकों, विशेष रूप से बीएन मंडल विश्वविद्यालय के डॉ. अरविन्द कुमार और डॉ. राजीव जोशी को धन्यवाद दिया है, जिन्होंने उनके शैक्षिक जीवन में मार्गदर्शन किया।

आध्यात्मिक विश्वास और समाज के लिए योगदान

डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी का यह भी मानना है कि उनकी सफलता देवी-देवताओं के आशीर्वाद से संभव हो पाई है। वह सिद्धपीठ उग्रतारा, कुलदेवी ज्वालामुखी और अन्य देवी-देवताओं में अटूट विश्वास रखती हैं और यह मानती हैं कि उन्हीं के आशीर्वाद से उन्हें यह महत्वपूर्ण सफलता मिली।

शुभकामनाओं का दौर

बीपीएससी की सफलता प्राप्त करने के बाद डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी को समाज, राजनीति और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई सम्मानित व्यक्तियों ने बधाई दी है। समाजसेवी, नेता और उनके परिवार के सदस्य लगातार उन्हें इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके कार्यों को सराह रहे हैं।

डॉ. शांति लक्ष्मी चौधरी ने इस सफलता को केवल अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की दिशा में एक नया कदम माना है। अब वह अपने नए कार्य क्षेत्र में, यानी एक शिक्षक के रूप में, अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बच्चों के भविष्य को संवारने में अपनी भूमिका अदा करेंगी।

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