भाजपा नेताओं को झारखण्ड में बांग्लादेशियों के घुसपैठ की बात शोभा नहीं देती: बोदरा

खूंटी: भाजपा के नेताओं को झारखण्ड में बांग्लादेशियों के घुसपैठ की बात शोभा नहीं देती है। यह वक्तव्य झारखण्ड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने प्रेस बयान जारी कर कही।
बोदरा ने देश के गृहमंत्री अमित शाह से यह स्पष्ट करने को कहा कि वर्ष 2017में झारखण्ड के गोड्डा स्थित अडाणी पावर से 1600 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को देने का निर्णय किसकी सरकार में लिया गया। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ कर भारत आई तो उन्हें प्रश्रय देने का काम किसकी सरकार ने किया। यह जानकारी भी लोगों को देने का काम माननीय गृहमंत्री को करना चाहिए।तभी पता चलेगा कि झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठ का जड़ कहाँ है।
बोदरा ने आगे कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण संथाल परगना के आदिवासियों के जमीन और जंगल पर अवैध कब्जा बढ़ने, संस्कृति और डेमोग्राफी पर प्रभाव पड़ने की बात बड़े जोर शोर से माननीय गृहमंत्री ने कहा। उन्हें सिर्फ संथाल परगना दिखाई दे रहा है, झारखण्ड दिखाई नहीं दे रहा है जहाँ सी.एन.टी एक्ट और विल्किन्सन रूल्स का उल्लंघन कर लाखों एकड़ खतियानी जमीन पर गैर झारखण्डी आबादी द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है, जिसके कारण संविधान की पांचवी अनुसूची प्रभावित हो रही है।
माननीय गृहमंत्री अमित शाह को अगर सचमुच आदिवासियों के जमीन और जंगल के अधिकार सहित उनके अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परम्परा एवं संस्कृति की सुरक्षा तथा संवर्धन की उतनी ही चिन्ता है तो केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासियों के हित से सम्बन्धित संवैधानिक प्रावधानों तथा कानूनी अधिकारों के ठोस अनुपालन एवं जमीन और जंगल पर अवैध कब्जा के निरस्तीकरण को लेकर आध्यादेश जारी करे, तभी सही मायने में भाजपा को आदिवासियों का हितचिंतक समझा जाएगा।

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