सिर्फ सड़क, पुल-पुलिया से नहीं होता क्षेत्र का विकास,रोजगार सृजन के लिए नहीं हुआ कोई काम,हाल खिजरी विधानसभा का…..
रांची/नामकुम: झारखंड में विधानसभा चुनाव तिथि की घोषणा होने के साथ ही राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है। क्षेत्र के संबंधित प्रत्याशी जनता की अदालत में जाने की तैयारी में हैं। पांच साल के दौरान क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए विकास पर जनता मतदान के दिन फैसला लेगी। यहां हम बात कर रहे हैं राजधानी रांची से सटे खिजरी विधानसभा क्षेत्र की। यहां से राजेश कच्छप वर्तमान में विधायक हैं और वे कांग्रेस के नेता हैं। खिजरी विधानसभा सीट पर इससे पहले बीजेपी का कब्जा था। लेकिन 2019के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजेश कच्छप ने बीजेपी के रामकुमार पाहन को पराजित कर जीत का परचम लहराने का काम किया। पिछली बार के चुनाव में भाजपा के साथ आजसू नहीं थी। वोट बांटने के कारण यह सीट कांग्रेस के हाथ लग गई।लेकिन इसबर आजसू बीजेपी के साथ है। इसबार की परिस्थिति कुछ और ही दिख रही है। क्षेत्रीय पार्टी होने के कारण आजसू का खिजरी में बेहतर पकड़ माना जा रहा है। इसका लाभ बीजेपी के प्रत्याशी को मिलने की संभावना है। इसके अलावा पांच साल तक यहां पर बीजेपी-आजसू ने फील्डिंग किया है। वैसे कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने भी पूरी मेहनत की है। विकास के कार्यों को धरातल पर उतारने का काम किया है। जनता के बीच रहे हैं।लेकिन जनता का कोई भरोसा नहीं कब पलटी मार देगी, पता ही नहीं चलता है।
खिजरी विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी के कारण पलायन और मानव तस्करी एक समस्या रही जो कभी दूर नहीं हुई है। जनता का आरोप है कि यहां रोजगार सृजन के लिए काम नहीं हुआ है। इसके अलावा पानी की भी समस्या है। खिजरी की जनता स्थानीय विधायक राजेश कच्छप के कुछ कार्यों से तो संतुष्ट हैं। लेकिन कुछ से विरोध भी है। कुछ लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक पार्टियां एक अच्छे उम्मीदवार की घोषणा करेगी।उसी के अनुसार तय करेंगे कि इस बार खिजरी विधानसभा सीट का बादशाह कौन होगा।