देश की एकता और अखंडता को जो नुकसान हुआ है, इसके लिए कांग्रेस जिम्मेवार: बाबूलाल
हजारीबाग: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को हजारीबाग में प्रेसवार्ता कर कहा कि इस देश की एकता और अखंडता को जो नुकसान हुआ है इसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेवार है। सत्ता के लिए कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक जा सकती है। आज जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। सत्ता के लिए बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया है।
कहा कि लोकतंत्र में कोई भी दल किसी भी दल के साथ गठबंधन कर सकता है, इससे किसी को विरोध नहीं है, किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन नेशनल कांफ्रेंस ने चुनाव को लेकर अपने घोषणा पत्र के माध्यम से जो वादा किया है वह देश की अखंडता और एकता से जुड़ा मामला है।
कहा इसलिए कांग्रेस पार्टी, राहुल गाँधी सहित उनके सहयोगी दलों से सवाल है कि क्या वे नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों का समर्थन करते हैं ।
श्री मरांडी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस का गठबंधन है और कांग्रेस झारखंड में भी सत्ता में है। यहां जेएमएम के साथ कांग्रेस की सरकार है, इसलिए कांग्रेस के साथ जेएमएम को भी जवाब देना चाहिए कि ये नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों का समर्थन करते हैं या नहीं ?
श्री मरांडी ने कहा कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का, धारा 370 और आर्टिकल 35 ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का, कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का, पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का, आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का, जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करते हैं ?
श्री मरांडी ने कहा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएँ ?
क्या कांग्रेस समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी JKNC के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस और राहुल गाँधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की JKNC की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है? बताना चाहिए।
श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस की देश विरोधी और गलत नीतियों की कीमत देश को लंबे समय तक यानि आज भी हम सबों को चुकानी पड़ रही है। देश 1947 में आजाद हुआ उसके बाद पाकिस्तान की सेना ने जम्मू काश्मीर में हमला किया। उसके बाद जम्मू काश्मीर की स्थिति के बारें में सभी को पता है। काश्मीर का एक हिस्सा जिसको POK कहते हैं, पाकिस्तान ने अपनी तरफ कर रखा है शेष जो भारत के हिस्सों में भी था उस पर भी 370 लगा दिया गया था। 1953 तक वहां के मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री कहलाते थे। और उनका झंडा भी अलग ही होता था। यानि देश के अंदर दो प्रधान और दो निशान थे। भारत का कानून भी यहां लागू नहीं होता था, यहां अलग से कानून था।
उस समय भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने विरोध किया था। इसी कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर जनसंघ पार्टी की स्थापना की। तब जम्मू काश्मीर जाने के लिए भी परमिट लगता था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध किया। कहा कि अपने ही देश में परमिट लेकर जाना पड़े यह ठीक नहीं है। उन्होंने परमिट नहीं लिया। मांग रखी कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेगा। इस आह्वान के साथ वे जम्मू काश्मीर की तरफ गये, उनकी गिरफतारी हुई और रहस्यमय तरीके से जेल में ही उनकी मौत हो गई।
उस वक्त दो प्रधान थे वह तो हट गया, परमिट से जाने वाला सिस्टम भी उनके बलिदान के बाद समाप्त हो गई लेकिन 370 और 35 ए, विधान भी पूर्ण रूप से लागू नहीं था ये चल रहा था।
कहा कि भारतीय जनसंघ लगातार उस समय से विरोध करता था और कांग्रेस पार्टी कहती थी कि पंडित नेहरू का मानना है कि 370 अस्थायी धारा है, यह घिसते घिसते समाप्त हो जायेगा। परिस्थतियां ऐसी हुई कि यह समाप्त होने की बजाय और मजबूत हो गया। भारतीय जनसंघ स्थापना काल से ही धारा 370, 35 ए, दो निशान, दो विधान दो प्रधान का विरोध करती रही है। भारतीय जनता पार्टी के लिए देश की अखंडता व एकता सर्वोपरी रही है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में धारा 370 और 35 ए को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला लेकर जम्मू काश्मीर की तकदीर व तकदीर बदलने का काम किया है। धारा 370 और 35 ए की समाप्ति से दो तीन बड़े काम हुए। कोई भी सेन्ट्रल गर्वमेंट के स्टाफ जो नागरिक होने के बाद भी वोट नहीं दे पाते थे उन्हें यह अधिकार मिला। वहीं दलित, आदिवासियों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार मिला।
कांग्रेस पार्टी को जनता के सामने अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।