हेमंत का नाम सुनते ही हिमांता का हिम्मत खत्म हो जाता है और बाबूलाल उछल कर पेड़ पर चढ़ जाते हैं: सुप्रियो

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है। वे गुरुवार को जेएमएम कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा है कि भाजपा के चुनाव प्रभारी झारखंड में आकर ये लोग घृणा फैलाने का काम कर रहे हैं,समाज में एक दूसरे से लड़वाने का काम कर रहे हैं।

लेकिन झारखंड की जनता इन लोगों के झांसे में आने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि हेमंत का नाम सुनते ही हिमांता का हिम्मत खत्म हो जाता है और बाबूलाल उछल कर पेड़ पर चढ़ जाते हैं। बाबूलाल को तो बीजेपी सीएम भी नहीं बनाएगी। अब तो अर्जुन मुंडा भी राजनीतिक तौर पर बेरोजगार हो गए,उनको अब कही न कही प्रतिनियुक्ति पर भेजेंगे। उन्होंने राज्यपाल रघुवर दास के बेटे के द्वारा सुरक्षा कर्मी की पिटाई मामले की चर्चा की।
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि मामा जी तो दुखी हैं,अपने नेतृत्व में विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीताने के बाद उनको बोल दिया गया पहाड़ में खेती करो।
झारखंड में आदिवासियों का बड़ा कोई नेता है तो वह है हेमंत सोरेन,बीजेपी के नेताओं में इसी से घबराहट है।
उन्होंने कहा कि मुद्दाविहीन दर्दविहीन बीजेपी की सोच रह गई है। सबका साथ सबका विकास नहीं बीजेपी का नारा सबका साथ नहीं जो मेरे साथ उसका विकास हो गया है। बीजेपी को तो अल्प संख्यक मोर्चा बंद कर देना चाहिए। लोकसभा चुनाव में राजस्थान मे एक सीट छोड़ देश के किसी भी अन्य राज्यों में मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। इससे पता चलता है कि बीजेपी का मुसलमानों के प्रति कितना प्रेम है।
बीजेपी के नेता झारखंड में दो ही बातें करते हैं,एक घुसपैठी और बांग्लादेशी,और उनके पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि तिरुपुरा में सबसे अधिक घुसपैठ हो रहा है। दूसरे नंबर पर असम है,यह बात तो असम के सीएम भी स्वीकार कर रहे हैं।
बीजेपी पर मदरसा बंद करने की बात करती है। मदरसा के अंदर धार्मिक तालीम दी जाती है,यह किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने पूरे देश में मदरसों की संख्या को बताया और उनको मिलने वाले सरकारी अनुदान का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि असम के सीएम हिमांता को बताना चाहिए असम के बोडो आदिवासियों को कब मान्यता देंगे।
उन्हें टी ट्राइब कहते हो सीडयूल ट्राइब क्यों नहीं बोलते हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा भवन निर्माण कार्य का जब नीव रखा जा रहा था तब दलित राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया। उद्घाटन में आदिवासी राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया। भारत रत्न आडवाणी के घर में दिया गया। वहां पर राष्ट्रपति खड़ी रही और पीएम बैठे रहे।
झारखंड में बीजेपी के नेताओं के द्वारा घृणा का बीज यहां बोया जा रहा है।आप सब को हमको आपस में मिलकर रहना है। आग लगाने वाले आयेंगे और चले जायेंगे,नुकसान हमारा होगा।
इसलिए झारखंड को आगे ले जाने के लिए इनके बातों में नहीं आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *