एक भी मतदाता छूटे नहीं: जिलाधिकारी
अनूप कुमार सिंह
पटना। डीएम पटना शीर्षत कपिल अशोक ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लोकसभा आम निर्वाचन में निर्वाचक फ़ोटो पहचान-पत्र (एपिक) की सामान्य त्रुटियों के कारण एक भी मतदाता अपने मतदान से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि मत देने का अधिकार निर्वाचक नामावली में नाम के होने से ही होता है। अगर निर्वाचक की पहचान स्थापित हो जाती है। उस निर्वाचक का नाम जहाँ वह मतदान करने आया है। वहाँ मतदाता सूची में उसका नाम उपलब्ध है। तो पहचान पत्र की सामान्य त्रुटियों को नजर अंदाज करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान अब बस दो दिन दूर है। हमारा लक्ष्य है कि एक भी मतदाता न छूटे। उन्होंने पटना के मतदाताओं से जो पटना से बाहर हैं।उन्हें भी चुनाव के दिन मतदान केंद्र आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान किया है।
डीएम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी निर्वाचकों, जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र जारी किए गए हैं।उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए अपना निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र (एपिक) दिखाएंगे। ऐसे निर्वाचक जो अपना एपिक प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं। उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा:-
1. आधार कार्ड;
2. मनरेगा जॉब कार्ड
3. बैंक/डाकघरों द्वारा जारी की गयी फोटोयुक्त पासबुक
4. श्रम मन्त्रालय योजना अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
5 ड्राईविंग लाईसेंस
6. पैन कार्ड
7. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अन्तर्गत भारत के महारजिस्ट्रार (आरजीआई) द्वारा निर्गत स्मार्ट कार्ड
8. भारतीय पासपोर्ट
9. फोटोयुक्त पेन्शन दस्तावेज
10. केन्द्रीय/राज्य सरकार/ पीएसयू / पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र
11. सांसदों/विधायकों/विधान पार्षदों को जारी किये गये आधिकारिक पहचान पत्र
12. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र-यूनिक डिसेबिलिटी आईडी (यूडीआईडी )।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूचना पर्ची (Voter information slip) वोट डालने हेतु वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में शामिल नहीं है।*अत: यदि किसी मतदाता के पास मतदाता सूचना पर्ची नहीं भी है, और उनका नाम मतदाता सूची में है। तो मतदान के लिये फोटोयुक्त वोटर आईडी कार्ड के अलावा 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाकर मतदाता मतदान कर सकते हैं। हर अधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। किसी भी वोटर को मतदान से वंचित नहीं करेंगे।
डीएम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रावधानों के अनुसार एपिक के संबंध में, लेखन अशुद्धि, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए बशर्ते निर्वाचक की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जा सके।
यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र प्रदर्शित करता है।जो कि किसी अन्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है। ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते उस निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है। उस मतदान केंद्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो।
यदि एपिक में फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तब भी निर्वाचक द्वारा उपर्युक्त में से किसी एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत कर मतदान किया जा सकता है।
प्रवासी निर्वाचकों को जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावालियों में पंजीकृत हैं, मतदान केंद्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।
डीएम ने *लोकतंत्र के इस महापर्व* में नागरिकों से भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि मतदान की तिथि 1 जून को अपने-अपने बूथ पर सबसे पहले पहुंच कर वोट अवश्य डालें।
उन्होंने ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त, पारदर्शी एवं सहभागितापूर्ण वातावरण में लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।