पारस हॉस्पिटल रांची में पहली बार ईपीएस और आरएफए तकनीक से दिल के मरीज की जान बचाई गई

रांची: एचइसी स्थित पारस हॉस्पिटल में पहली बार इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी (ईपीएस) और रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) कर मरीज की जान बचाई गयी है। 60 वर्षीय मरीज को लगातार एक माह से हर दिन पीएसवीटी के एपिसोड हो रहे थे। उन्हें रोज चक्कर और आंखों के सामने अंधेरा छा जाता था। धड़कन बहुत तेजी से चलने लगता था। इस अटैक के कारण दो बार गिर भी चुके थे। घर से निकलने में भी डर लगता था कि कब चक्कर आ जाये। ऐसे यह बीमारी उनको पांच वर्षो से था। इसके लिए वे दवाई भी ले रहे थे। लेकिन एक माह से दवाई लेने के बाद उनकी बीमारी बढ़ गयी थी। इस बीमारी को लेकर मरीज पारस हॉस्पिटल के कॉडियोलॉजिस्ट डॉ कुंवर अभिषेक आर्य से मुलाकात की और अपनी तकलीफ बताई। डॉक्टर को मरीज का ईसीजी रिपोर्ट भी दिखाया। रिपोर्ट देखने के बाद डॉ अभिषेक आर्य ने उन्हें परॉक्सिस्मल सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (पीएसवीटी) है। इसका इलाज इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन (ईपीएस) और रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) से होगा। इसके बाद मरीज का इपीएस किया गया, जिसमें एट्रियोवेंट्रिकुलर नोडा रिसीप्रोकेटिंग टैचीकार्डिया (एवीएनआरटी) बीमारी पायी गयी। डॉ अभिषेक आर्य ने इपीएस और आरएफए कर मरीज को ठीक कर दिया। मरीज को अगले दिन डिस्चार्ज कर दिया गया।

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