चतरा सीट पर झामुमो भी तैयार,कांग्रेस-राजद के बीच उत्पन्न द्वंद थमने का कर रहा इंतजार…

रांची: झारखंड में चतरा और पलामू लोकसभा सीट पर दावेदारी का मामला कांग्रेस और राजद के बीच अबतक सुलझ नहीं पाया है। कांग्रेस राजद को एक सीट ही देने को तैयार है। जबकि राजद दोनों सीटों की मांग कर रही है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव कांग्रेस पर लगातार दवाब बना रहे हैं। वहीं कांग्रेस इस पर अपना फैसला बदलने के मूड में नहीं है। कांग्रेस चतरा या पलामू किसी एक सीट पर दावेदारी कर रही है। वहीं गठबंधन के घटक दल झामुमो दूर से यह तमाशा देख रहा है। झामुमो का मानना है कि लोकसभा चुनाव में बिहार में झामुमो को एक भी सीट नहीं दिया गया। राजद के प्रदेश अध्यक्ष या शीर्ष नेतृत्व ने झामुमो का तरफदारी नहीं किया है। झामुमो का मानना है कि कांग्रेस यदि राजद को दोनों सीट देना चाहे तो वह उसका फैसला होगा। गठबंधन में 7-5-1-1 पर फैसला हुआ है। 7 पर कांग्रेस,5 पर झामुमो और एक राजद,एक माले को दिया गया है।
चतरा सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच जल्द ही मामला नहीं सुलझा तो झामुमो इसपर इंटरफेयर करेगा।
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो चतरा सीट पर झामुमो को अपना प्रत्याशी देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया। खासकर अबुआ आवास,सर्वजन पेंशन,125यूनिट बिजली फ्री,गरीब आदिवासी परिवारों के बच्चों की मुफ्त में विदेश में उच्च शिक्षा दिलाने सहित कई योजनाओं को उतारा है। इससे झामुमो के प्रति जनता का रुझान बढ़ा है। यही नहीं पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद प्रदेश के आदिवासी और मूलवासियों के बीच भाजपा के खिलाफ आक्रोश हुआ है और हेमंत सोरेन के प्रति सांत्वना बढ़ा है। झामुमो को पूरा विश्वास है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में झारखंड के14 सीटों में गठबंधन को 8-10 सीट मिलेगा। भाजपा को दो सीट पर ही सफलता हाथ लगने वाली है।
झामुमो नेता सह लातेहार जिला अध्यक्ष लाल मोतीनाथ शहदेव का चतरा लोकसभा क्षेत्र में बेहतर पकड़ माना जा रहा है। यही कारण है कि पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद वहां पर झामुमो का कब्जा हुआ। चतरा लोकसभा क्षेत्र में राज्य सरकार की कई योजनाओं का सफल संचालन हुआ है। उस सीट पर झामुमो की नजर पहले से ही थी। झामुमो नेता लाल मोतीनाथ शहदेव इस बार चतरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को पूरी तरह से तैयार थे।लेकिन गठबंधन के तहत वह सीट कांग्रेस को चला गया है। राजद और कांग्रेस को चतरा में कोई मजबूत स्थानीय उम्मीदवार मिल नहीं रहा है। वहां की जनता स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रही है।भाजपा ने तो स्थानीय उम्मीदवार कालीचरण सिंह को उतार दिया है। ऐसे में गठबंधन के तरफ से झामुमो के स्थानीय नेता लाल मोतीनाथ शहदेव को यदि टिकट मिलता है तो इसमें गठबंधन को लाभ मिलेगा।
बालूमाथ निवासी संजय पासवान, अशोक भगत,पार्वती देवी का मानना है कि चतरा में अबतक बाहरी लोगों को ही टिकट मिला है। स्थानीय लोगों को कोई भी पार्टी टिकट नहीं दिया। ऐसे में चतरा का स्थानीय झामुमो नेता लाल मोतीनाथ शहदेव को यदि झामुमो मैदान में उतारती है तो निश्चित रूप से सफलता हाथ लगेगी। चतरा लोकसभा क्षेत्र में आदिवासी और मूलवासी का एकमुश्त वोट झामुमो प्रत्याशी को मिल जायेगा।
इसलिए चतरा से इस बार झामुमो को ही अपना प्रत्याशी देना चाहिए।

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