राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर कृत्रिम मेधा के युग में मीडिया विषय पर सेमिनार का आयोजन
खूंटी: जिला जनसंपर्क कार्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में जिला जन संपर्क पदाधिकारी सैय्यद राशिद अख्तर द्वारा सभी का स्वागत कर प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं दी गई।
सेमिनार में उपस्थित पदाधिकारियों एवं पत्रकारों द्वारा कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर अपने-अपने विचार को प्रकट कर विस्तार से चर्चा की गई।
पत्रकारों ने चर्चा के दौरान बताया कि किसी मशीन को आपकी पत्रकारिता के मूल्यों और दृष्टिकोण की जानकारी नहीं है। कोई मशीन यह तय नहीं कर सकती कि आपके लिए कौन-से मूल्य महत्वपूर्ण हैं। पत्रकारिता के महत्व एवं इसका अस्तित्व और सुदृढ़ होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जितना जल्दी अपनाएंगे, उतने बड़े स्तर पर विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। मीडिया में तकनीक का सकारात्मक उपयोग से बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
एआई के पास पत्रकारिता में काफी बड़े बदलाव लाने की क्षमता है। इसके जरिए व्यापक स्तर पर पाठकों से जुड़ने के नए तरीके मिलते हैं। एआई से किसी भी जानकारी को अधिक कुशलता से खोजने और बेहतर जानकारी पाने की संभावना बढ़ती है।
इसका रिपोर्टिंग की विविधता, लोकतंत्र और जनहित पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। एआई टूल को हर एक मीडिया संस्थान की खास जरूरत के अनुसार कार्य करना होगा। साथ ही समय के अनुसार अपने आप को परिवर्तित करने की आवश्यकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मीडिया एंकर व रोबोटिक्स तकनीक में मानवीय बुद्धिमता की कला व मानव जाति की तरह ही सोचने समझने एवं सुनने की क्षमता निहित की गई है। भविष्य में कार्य शैलियों में परिवर्तन आयेंगे एवं इससे पत्रकारिता पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस से कोई भी अछूता नही रहेगा, हर व्यक्ति के पास मोबाइल एवं कम्प्यूटर उपलब्ध हो रहे हैं, जो आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का इस्तेमाल और भी अच्छे से कर रहे है। मीडिया के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का महत्व बढ़ा है। इसकी सहायता से समाचार संकलन कर उसे आसानी से तैयार कर हम तक पहुंचाया जा रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नए और प्रभावी समाधान निकल सकते हैं। कुछ कार्यों में AI मनुष्यों की तुलना में अधिक स्वतंत्रता से काम कर सकता है, जिससे मानव श्रम को आराम मिलता है। आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस के कुछ नुकसान या खतरा भी हैं, इससे कार्यों में सुलभता और सुगमता भी मिलेगी।
मीडिया प्रनिधियों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से कार्यों को करना अति सरल हो जाता है। सूचना प्रेषण के भी तकनीक अहम रूप से कार्य करेगी।
कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस) के युग में मीडिया वर्तमान के समय के एक महत्वपूर्ण विषय है। पत्रकारिता और बदलते दौर के साथ हमें तकनीक को भी स्वीकार करने की आवश्यकता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं से अवगत होकर कार्य किए जाय। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि वर्तमान डिजिटल एवं तकनीकी युग में तथ्यपरक सूचनाओं के प्रेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अहम माध्यम बन कर उभर रहा है।