कर्रा की सुनीता बारला बन रही हैं ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत
खूंटी: कर्रा प्रखंड के घासीबारी गाँव मे सुनीता बारला जिन्होंने 2017 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित आदिवासी सखी मण्डल से जुड़ी। सुनीता परम्परागत कृषि कर रही थीं।
गाँव के कृषक सखी के माध्यम से सुनीता बारला को JHIMDI परियोजना के तहत ड्रिप खेती की जानकारी प्राप्त हुई उसके बाद दीदी ने घासीबारी ग्राम संगठन के माध्यम से अपना पंजीकरण कराया। दीदी को MDI सिस्टम प्राप्त हुई, जिससे दीदी प्रथम फसल टमाटर एवं दूसरी फसल मिर्च की खेती की। दीदी को लोधमा CLF के माध्यम से उन्नत कृषि की जानकारी मिली। जानकारी मिलने के बाद दीदी ने अप्रैल में फसल योजना तैयार करते हुए पत्तागोभी की खेती की शुरुवात की। दीदी ने खेती करने के लिए 15000 का ऋण अपने समूह से प्राप्त कर ड्रिप के माध्यम से खेती शुरू की
जिसमें कुल लागत 15500/- एवं उससे कुल 3700 किलोग्राम उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसकी बाजार में औसत 20/- प्रतिकिलो के दर से कुल 74000/- प्राप्त हुई।
इस परियोजना से जुड़ने का मुख्य कारण यह है कि JSLPS के माध्यम से क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम में टपक सिंचाई योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके लाभ के सम्बन्ध में बताया गया, साथ ही इससे जुड़े किसानों के खेत पर फसल का क्षेत्र भ्रमण कराया गया जिसके माध्यम से इस परियोजना से जुड़ने की प्रेरणा मिली।
दीदी बताती हैं कि ड्रिप के माध्यम से खेती कर अपने आजीविका को आगे बढ़ा रही हैं। उनकी आय में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि वो अपने ग्राम की और महिलाओं के लिए सफल उदाहरण बन रही हैं।