भाई ने भाई का सम्मान किया तो आया राम युग, भाई ने भाई का अनादर किया शुरू हुआ महाभारत
गणादेश ब्यूरो:मुंगेर : पादुका दर्शन में विगत 08 दिनों से चल रहे राम कथा का समापन पूर्णाहुति के साथ मंगलवार को संपूर्ण हुआ। कथावाचक जबलपुर के संत स्वामी गिरिशानंद सरस्वती ने भरत और राम के प्यार का विस्तृत चित्रण किया उन्होंने बताया कि भरत और राम के प्रेम से राम युग का शुरुआत हुआ हर लोग राम युग का ख्याल करते हैं, परंतु भरत और राम जैसे प्यार का अनुसरण नहीं कर पाते जिस दिन भाई-भाई के बीच भरत और राम जैसे प्यार का संबंध का अनुसरण होगा उसी दिन से राम युग की शुरुआत हो जाएगी यह कहा कि महाभारत युग में युधिष्ठिर और दुर्योधन के बीच स्वार्थ की लड़ाई के कारण महाभारत का शुरुआत हुआ वही,राम और लखन भरत, शत्रुघ्न के बीच दिया हुआ प्रेम की भावना से राम युग का शुरुआत हुआ। परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि रामराज की कृति भंग होती है जब मनुष्य द्रोणाचार्य नकारात्मक होता है मनुष्य जीवन को सद्गुण ही निखरता है । जिससे ईश्वर की अनुभूति होती है यह कहां की साधना के द्वारा सकारात्मक परिवर्तन मानव अपने आप कर सकते हैं । हर व्यक्ति को दिनचर्या में 10 मिनट आंखों को बंद कर अपने को समेट कर ईश्वर मंत्र का जाप करना चाहिए मंत्र का जाप ईश्वर आराध्य से जोड़ता है। स्वामी जी ने कहा की गुरु जी हमेशा कहते थे कि आत्म साक्षात्कार से अत्यधिक ऊर्जा की प्राप्ति आध्यात्मिक चेतनना से होती है। राम सीता लखन शत्रुघ्न सहित संकट मोचन हनुमान की झांकी को देख श्रद्धालुओं के बीच उल्लास हर्ष दिखा। प्रभु श्री राम के भजन से भक्ति में श्वेता गन भक्तगण झूम उठे।