झारखंड सरकार की प्राथमिकता में अन्नदाता कहीं नहीं : दीपक प्रकाश
प्रदेश के 1.05 लाख किसानों की दूसरी किश्त का भुगतान नहीं होना दुखद
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन सरकार को किसान और गरीब विरोधी करार दिया है। श्री प्रकाश ने कहा कि यह सरकार अन्नदाताओं के साथ केवल छलावा कर रही है। चुनाव पूर्व आसमानी वादों के सहारे किसानों को छलकर और गुमराह कर सत्ता प्राप्त करने वाली जेएमएम और उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस की प्राथमिकता में अन्नदाता कहीं नहीं हैं। घोषणा के बावजूद समय पर धान क्रय केंद्र नहीं खुले, जिसका लाभ बिचौलियों ने उठाया। अब जिन किसानों ने सरकार को धान बेचा है। वे दूसरी किस्त प्राप्ति को लेकर सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। पूरे प्रदेश भर में धान बिक्री करने वाले किसी किसान को दूसरी किश्त का भुगतान नहीं होना काफी दुखद और गंभीर मामला है। राज्य के 1.05 लाख किसान दूसरी किश्त से वंचित हैं। जिस राशि को किसानों को दो माह पूर्व ही मिल जानी थी, उसका अब तक भुगतान नहीं होना, राज्य सरकार की किसानों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। झारखंड सरकार किसानों की हितैषी होने का दावा करती है परंतु जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। किसानों को लेकर राज्य सरकार के आंसू महज घड़ियाली हैं।
श्री प्रकाश ने कहा कि झारखंड में दो लाख रुपए किसानों की ऋण माफी का हश्र क्या हुआ, किसी से छुपा नहीं है। चुनाव पूर्व दो लाख बोलकर 50 हजार रुपए माफ करने की बात कही गई। कितने किसानों का 50 हजार रुपए का ऋण माफ हुआ, सरकार को बतानी चाहिए।
श्री प्रकाश ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री किसान समृद्धि योजना के तहत 5 हजार से लेकर अधिकतम 25 हजार रुपए किसानों को अनुदान के रूप में सहायता राशि देने का निर्णय लिया था। वर्तमान सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को भी बंद कर दिया। फिर किस मुंह से राज्य सरकार किसानों की हितकारी होने का दंभ भरती है, यह समझ से परे है?