राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय से देश में निर्माणाधीन विमानपत्तन की स्थिति की मांगी जानकारी
रांची: झारखंड़ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय से देश में निर्माणाधीन विमानपत्तन की स्थिति की जानकारी मांगी।
श्री प्रकाश ने मंत्रालय से जानना चाहा कि देश में कितने नए विमानपत्तन का निर्माण किया गया है? इसके लिए आवंटित निधि का ब्यौरा क्या है? झारखंड राज्य में निर्माणाधीन विमानपत्तनों की वर्तमान स्थिति क्या है?
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्री प्रकाश के पहले और दूसरे सवाल के जबाब देते हुए कहा कि भारत सरकार ने देश में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा नीति, 2008 तैयार की है और भारत सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए ‘सैद्धांतिक अनुमोदन दिया है।
इन 21 हवाईअड्डों में से 11 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे परिचालित किए गए हैं तथा पिछले 3 वर्षों में इनमें से 6 हवाईअड्डे परिचालित किए गए हैं अर्थात 2021 में 187 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर ओरवाकल (कुरनूल), 2021 में 520 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर सिंधुदुर्ग, 2021 में 448 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर कुशीनगर, 2022 में 646 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर ईटानगर, 2023 में 3400 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर मोपा और 2023 में 449 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर शिवमोग्गा ।
झारखंड़ के पांच हवाईअड्डे की पुनरुद्धार के लिए पहचान की गई है
श्री प्रकाश के तीसरे सवाल की झारखंड़ में निर्माणाधीन विमानपत्तनों की वर्तमान स्थिति क्या है के जबाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएफए नीति, देश में नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए प्रक्रिया और शर्तें निर्धारित करती है। नीति के अनुसार, हवाईअड्डा स्थापित करने की इच्छुक राज्य सरकार या हवाईअड्डा डेवलपर को, 2- चरण की मंजूरी के लिए नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) को एक प्रस्ताव भेजना होता है, अर्थात साइट- क्लीयरेंस और उसके बाद “सैद्धांतिक” अनुमोदन। अब तक, झारखंड राज्य में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए संबंधित राज्य सरकार या किसी अन्य हवाईअड्डे के डेवलपर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, झारखंड के देवघर में एक हवाईअड्डे को 2022 में लगभग 400 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर विकसित और चालू किया गया है।
देवघर के अलावा पाँच हवाईअड्डे, जिसमें बोकारो, दुमका, जमशेदपुर, हजारीबाग और डाल्टनगंज के हवाई अड्डे के पुनरुद्धार के लिए पहचान की गई है, जिनमें से, जमशेदपुर हवाई अड्डे में 31 जनवरी 2023 को प्रचालन शुरू हो चुका है।
बोकारो और दुमका हवाईअड्डों पर, हवाईअड्डा विकास कार्य पूरा हो चुका है एवं इन हवाई अड्डों की लाइसेंस प्रक्रिया के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।